देश में गहराए कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए आज एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देश से मुखातिब हुए. इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने के दौरान जो भी असुविधा हुई उसके लिए माफी मांगता हूं. पीएम मोदी ने आचार्य चरक का भी जिक्र किया. क्या आपको पता है कि वो कौन थे? नहीं…तो ये खबर पढ़िए. दरअसल, पीएम मोदी मन की बात में कोरोना से जंग लड़ रहे डॉक्टरों और स्वास्थयकर्मियों की तारीफ कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा, आज जब मैं डॉक्टरों का त्याग, तपस्या, समर्पण देख रहा हूं तो मुझे आचार्य चरक की कही हुई बात याद आती है. आचार्य चरक ने डॉक्टरों के लिए बहुत सटीक बात कही है और आज वो हम अपने डॉक्टरों के जीवन में हम देख रहे हैं. आचार्य चरक ने कहा था, न आत्मार्थ्मनअपी कामानर्थम्अतभूत दयां प्रति. वर्तते यत्चिकित्सायां स सवर्म इति वर्रतते. यानी धन और किसी खास कामना को लेकर नहीं, बल्कि मरीज की सेवा के लिए , दया भाव रखकर कार्य करता है, वो सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक होता है. मैं आज सभी डॉक्टरों और नर्सों को नमन करता हूं.
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