समाचार एजेंसी के अनुसार कोर्ट ने सरकार को कहा कि कल तक राज्यों को डॉक्टर-मेडिकल स्टाफ के वेतन का भुगतान सुनश्चित करने का निर्देश जारी करें. कोर्ट ने आगे कहा कि कोरोना के इलाज में लगे लोगों के उचित कोरेंटिन करने से राज्य सरकार वंचित नहीं कर सकती है. चिकित्सा कर्मियों को भी उचित तरीके से कोरेंटिन किया जाना चाहिए.
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जस्टिस अशोक भूषण जस्टिस संजय किशन कौल जस्टिस एमआर शाह की बैंच ने कहा कि इस निर्देश को जो राज्य पालन नहीं करेगा, उसे गंभीरता से लिया जायेगा. सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा. वहीं वरिष्ठ वकील के विश्वनाथन ने याचिकाकर्ता डॉ आरूषी जैन की ओर से पक्ष रखा.
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बता दें कि इससे पहले, हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टरों ने आरोप लगाया था कि उन्हें चार महीने की सैलरी नहीं दी गई है, अगर अब भी सैलरी नहीं दी तो हमें मजबूरन काम बंद करना पड़ेगा. डॉक्टरों के इस धमकी के बाद दिल्ली प्रशासन सकते में आ गई थी. वहीं दिल्ली के ही कस्तूरबा अस्पताल के डॉक्टरों ने भी सामूहिक इस्तीफा देने की बात कही है. डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि उन्हें तीन महीने की सैलरी नहीं दी गई है, अगर 16 जून तक सैलरी नहीं दी गई तो, हम लोग सामूहिक इस्तीफा दे देंगे.
Posted By : Avinish Kumar MIshra