Defense: लड़ाकू विमान के पायलटों के लिए स्वदेशी लाइफ सपोर्ट सिस्टम किया गया तैयार

डीआरडीओ ने तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान के दौरान पायलटों के लिए इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम का सफल परीक्षण किया है. बेंगलुरु स्थित रक्षा बायो-इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल लैब (डीईबीईएल) ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए स्वदेशी ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जनरेटिंग सिस्टम (ओबीओजीएस) पर आधारित इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम (आईएलएसएस) का अधिकतम ऊंचाई पर सफलतापूर्वक परीक्षण कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

By Vinay Tiwari | March 5, 2025 4:36 PM
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Defense:रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की ओर कई कदम उठाए गए हैं. इस मामले में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. डीआरडीओ ने तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान के दौरान पायलटों के लिए इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम का सफल परीक्षण किया है. बेंगलुरु स्थित रक्षा बायो-इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल लैब (डीईबीईएल) ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए स्वदेशी ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जनरेटिंग सिस्टम (ओबीओजीएस) पर आधारित इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम (आईएलएसएस) का अधिकतम ऊंचाई पर सफलतापूर्वक परीक्षण कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. ओ

बीओजीएस-आधारित इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जिसे उड़ान के दौरान पायलटों के लिए सांस लेने योग्य ऑक्सीजन मुहैया कराने और नियंत्रित करने के मकसद से तैयार किया गया है. इस परीक्षण के बाद पारंपरिक तरल ऑक्सीजन सिलेंडर-आधारित प्रणाली पर निर्भरता खत्म हो जायेगी. परीक्षण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के एलसीए-प्रोटोटाइप व्हीकल-3 विमान पर किया गया, जिसमें इसकी क्षमता को समुद्र तल से 50 हजार फीट की ऊंचाई और हाई-जी युद्धाभ्यास सहित विभिन्न उड़ान स्थितियों में कड़े एयरोमेडिकल मानकों पर परखा गया.

स्वदेशी तकनीक को मिल रहा है बढ़ावा

परीक्षण के दौरान हर पहलू पर गौर किया गया. जैसे ऑक्सीजन कंस्ट्रेटशन, डिमांड ब्रीथिंग, 100 फीसदी ऑक्सीजन की उपलब्धता, एंटी-जी वाल्व का परीक्षण, आवश्यक ऊंचाई पर एरोबैटिक युद्धाभ्यास, टैक्सी इंग, टेक ऑफ, क्रूज, जी टर्न और रीजॉइन एप्रोच तथा लैंडिंग के दौरान ब्रीथिंग ऑक्सीजन सिस्टम (बीओएस) चालू करना शामिल है. सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन (सीईएमआईएलएसी) से उड़ान मंजूरी के बाद सभी मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया. ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जनरेटिंग सिस्टम से अलग इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम में 10 लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स को एकीकृत किया गया है, जिसमें लो-प्रेशर ब्रीदिंग रेगुलेटर, बीओएस, इमरजेंसी ऑक्सीजन सिस्टम, ऑक्सीजन सेंसर, एंटी-जी वाल्व और अन्य उन्नत उपकरण शामिल है.

इस प्रणाली का निर्माण एलएंडटी कंपनी करेगी. डीआरडीओ और भारतीय रक्षा उद्योगों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगा. खास बात है कि इंटीग्रेटेड लाइफ सपोर्ट सिस्टम में लगाई गई 90 फीसदी सामग्री स्वदेशी है. एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता को गति प्रदान करेगी. इस प्रणाली को मिग-29 के और अन्य विमानों में उपयोग में लाया जा सकता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उल्लेखनीय सफलता पर डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और रक्षा उद्योग जगत के भागीदारों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों के प्रति भारत की सोच को सशक्त बनाएगी.

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