Delhi Police: दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय से कुछ पूर्व मंत्रियों और सांसदों को मिल रही सुरक्षा पर विचार करने को कहा है. पुलिस जल्द ही गृह मंत्रालय को 18 पूर्व राज्य मंत्रियों और 12 पूर्व सांसदों की सूची भेजने वाली है, जिन्हें उनके कार्यकाल खत्म होने के बाद भी सुरक्षा दी जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस मंत्रालय से यह अनुरोध किया जाएगा कि वे यह तय करें कि इन व्यक्तियों को सुरक्षा जारी रखी जाए या नहीं. दिल्ली पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि कुछ महीने पहले एक ऑडिट किया गया था, जिसमें यह पाया गया कि कई लोगों को सुरक्षा दी गई थी और कुछ मामलों में इसकी समीक्षा नहीं की गई थी. ऑडिट के बाद कुछ लोगों का सुरक्षा कवर हटा लिया गया, लेकिन कई राज्य मंत्री, सांसद और अन्य लोग अपने कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी सुरक्षा कवर प्राप्त कर रहे थे.
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ऑडिट रिपोर्ट में जिन पूर्व मंत्रियों और सांसदों के नाम शामिल हैं, उनमें Y-श्रेणी सुरक्षा प्राप्त करने वाले पूर्व राज्य मंत्री भागवत किशनराव कराड, देवुसिंह चौहान, भानु प्रताप सिंह वर्मा, जसवंतसिंह भाभोर, जॉन बारला, कौशल किशोर, कृष्णा राज, मनीष तिवारी, पीपी चौधरी, राजकुमार रंजन सिंह, रामेश्वर तेली, एसएस अहलूवालिया, संजीव कुमार बालियान, सोम प्रकाश, सुदर्शन भगत, वी मुरलीधरन, पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह और विजय गोयल शामिल हैं.
इसके अलावा, तीन राज्य मंत्रियों के सुरक्षा कवर में बदलाव किए गए हैं, लेकिन वे अभी भी पूर्व पोर्टफोलियो के आधार पर वाई-श्रेणी सुरक्षा प्राप्त कर रहे हैं. सुरक्षा की समीक्षा कार्यकाल पूरा होने के बाद की जाती है और इसके बाद दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर अंतिम निर्णय का आग्रह करती है.
ऑडिट रिपोर्ट में अन्य नामों में पूर्व सांसद गौतम गंभीर, अभिजीत मुखर्जी, डॉ करण सिंह, मौलाना महमूद मदनी, नबा कुमार सरानिया, राम शंकर कठेरिया, अजय माकन, केसी त्यागी, परवेश वर्मा, राकेश सिन्हा, रमेश बिधूड़ी, और विजय इंदर सिंगला शामिल हैं. इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक, पूर्व अकाली विधायक दीप मल्होत्रा, पूर्व आप विधायक राजेंद्र पाल गौतम, पूर्व ईडी निदेशक करनैल सिंह, दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव, पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और पूर्व विधायक वीके मल्होत्रा भी सुरक्षा प्राप्त कर रहे हैं. सुरक्षा का स्तर खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित किया जाता है और कुछ सरकारी पदों पर रहने वाले व्यक्ति स्वचालित रूप से सुरक्षा कवर के हकदार होते हैं.
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