ED: क्लास रूम घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय को मिले अहम सबूत

दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ 2000 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की. आरोप है कि वर्ष 2015 से 2023 के बीच दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 2405 क्लासरूम की जरूरत थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 12748 कर दिया गया और इसके लिए जरूरी मंजूरी भी नहीं ली गयी.

By Vinay Tiwari | June 20, 2025 5:33 PM
an image

ED: दिल्ली में क्लास रूम घोटाले को लेकर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. शुक्रवार को  क्लास रूम निर्माण में घोटाला और अनियमितताओं के मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) के समक्ष पेश हुए. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार झूठे मामलों में आप नेताओं को फंसाने की लगातार साजिश कर रही है. भाजपा नेताओं ने एसीबी को क्लास रूम निर्माण में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत की थी. इस शिकायत के बाद एसीबी ने प्रारंभिक जांच करने के बाद दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ 2000 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज की.

आरोप है कि वर्ष 2015 से 2023 के बीच दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 2405 क्लासरूम की जरूरत थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 12748 कर दिया गया और इसके लिए जरूरी मंजूरी भी नहीं ली गयी. आरोप है कि जानबूझकर महंगी और फर्जी निर्माण सामग्री के प्रस्तावों को तरजीह दी गयी ताकि करोड़ों रुपये की हेराफेरी की जा सके. निर्माण कार्य की लागत भी काफी बढ़ गयी. इस मामले में सत्येंद्र जैन को भी आरोपी बनाया गया है. 

प्रवर्तन निदेशालय की जांच में क्या मिला


एसीबी की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामले की जांच शुरू की. इस मामले में जांच एजेंसी ने 18 जून को दिल्ली और एनसीआर के 37 ठिकानों पर पीएमएलए के तहत छापेमारी की थी. इस छापेमारी में प्रवर्तन निदेशालय को क्लास रूम घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज हाथ लगे. छापे के दौरान जांच एजेंसी को एक निजी ठेकेदार के पास क्लास रूम निर्माण से जुड़ी दिल्ली सरकार की असली फाइल बरामद हुई. साथ ही पीडब्ल्यूडी विभाग के कई अधिकारियों के नाम वाले रबर स्टांप भी मिला. इसके अलावा एजेंसी को मजदूरों के नाम से खोले गए 322 बैंक पासबुक मिला. इन खातों का प्रयोग अवैध पैसे के लेनदेन के लिए किए जाने की आशंका है.

इसके अलावा कई शेल कंपनियों के दस्तावेज के अलावा फर्जी लेटर हेड भी बरामद किया गया. छापे के दौरान विभाग को सौंपे गए फर्जी बिल भी पाया गया. साथ ही कई अहम दस्तावेज के साथ डिजिटल सबूत भी बरामद किया गया है. मामले की जांच अभी जारी है. छापे के दौरान बढ़े बिलों के भुगतान संबंधी कई दस्तावेज भी एजेंसी के हाथ लगे हैं. आने वाले समय में इस मामले में आप के कई नेताओं की मुश्किल बढ़ सकती है.   

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version