Electoral bonds: चुनावी बांड मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई जिसपर सबकी निगाह टिकी हुई थी. शीर्ष कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई की, जिसमें योजना से पहले राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक की मोहलत मांगी गई थी. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की और बैक से पूछा कि अबतक आपने क्या किया? इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बैंक को भारत के चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड का विवरण जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है.
Supreme Court tells SBI that in its judgment, it didn’t ask the bank to do the matching exercise, we have directed a plain disclosure. So to seek time saying that a matching exercise is to be done is not warranted, we have not directed you to do that.
— ANI (@ANI) March 11, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा कि उसने अपने फैसले में बैंक से मैच एक्सरसाइज करने को नहीं कहा है. हमने स्पष्ट खुलासा करने का निर्देश दिया है. इसलिए तर्क देते हुए समय मांगना उचित नहीं है. हमने आपको ऐसा करने का निर्देश नहीं दिया है. कोर्ट ने कहा कि बैंक बताए कि अबतक मामले पर क्या किया गया. और समय की मांग करना गंभीर मामला है.
12 मार्च तक चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करे बैंक
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड का विवरण जमा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग की गई थी. कोर्ट ने सख्त लहजे में एसबीआई से 12 मार्च को कामकाजी समय समाप्त होने तक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने को कहा है. कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को एसबीआई द्वारा साझा की गई जानकारी 15 मार्च तक प्रकाशित करने का निर्देश दिया.
Supreme Court dismisses an application of State Bank of India (SBI) seeking an extension of time till June 30 to submit details of Electoral Bonds to the Election Commission of India.
— ANI (@ANI) March 11, 2024
Court asks SBI to disclose the details of Electoral Bonds by the close of business hours on… pic.twitter.com/f91v4no7MM
एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मुद्दे पर एसबीआई से कहा कि हमने अपने निर्णय के तहत आपसे स्पष्ट खुलासा करने के लिए कहा है. इससे पहले एसबीआई की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि बैंक को चुनाव आयोग को चुनावी बॉन्ड का विवरण जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि बैंक की समस्या यह है कि पूरी प्रक्रिया को उलटना पड़ेगा. एसओपी ने सुनिश्चित किया था कि कोर बैंकिंग सिस्टम और बॉन्ड नंबर में खरीदार का कोई नाम अंकित न हों.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मुद्दे पर एसबीआई से कहा कि चुनाव आयोग को तुरंत जानकारी दें. तत्काल आदेश का पालन किया जाए. 26 दिन में आपने क्या किया. पिछले 26 दिन में आपने क्या कदम उठाए? आपकी अर्जी में इसे लेकर कुछ नहीं बताया गया. एसबीआई को सिर्फ सीलबंद लिफाफा खोलना है, विवरण एकत्र करना है और निर्वाचन आयोग को जानकारी देनी है.
Electoral bonds: अबतक क्या है मामले को लेकर खास जानें
- 15 फरवरी को पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को ‘असंवैधानिक’ बताया था. साथ ही इसे अमान्य कर दिया और भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को 13 मार्च तक डोनेशन देने वाले की जानकारी मांगी थी. कोर्ट ने दान राशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने का आदेश दिया था.
Electoral Bond : ‘न्यू इंडिया’ में चल रहा है लुका-छिपी का खेल, चुनावी बांड के मामले पर कांग्रेस का आरोप - कोर्ट ने चुनावी बांड योजना के लिए नामित वित्तीय संस्थान एसबीआई को 12 अप्रैल, 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक चुनाव आयोग (ईसीआई) को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. ईसीआई को 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर यह जानकारी प्रकाशित करने को कहा गया था.
- 4 मार्च को एसबीआई की ओर से विभिन्न स्रोतों से डेटा पुनर्प्राप्त करने और क्रॉस-रेफरेंसिंग प्रक्रिया का हवाला दिया गया था और भुनाए गए चुनावी बॉन्ड के विवरण की जानकारी देने के लिए 30 जून तक की मोहलत के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी.
- इस बीच एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और कॉमन कॉज़ की ओर से एक अलग याचिका दायर की गई. इस याचिका में कोर्ट से शीर्ष अदालत के आदेश की कथित अवज्ञा के लिए बैंक के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया गया है. याचिका में तर्क दिया गया कि एसबीआई का उद्देश्य आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जनता से दानदाता और दान राशि का विवरण छिपाना है जिसकी वजह से समय मांगा गया है.
Agni Prime Missile : पहली बार रेल लॉन्चर से परीक्षण, मिसाइल भेद सकती है 2,000 किलोमीटर तक के टारगेट को
Watch Video: पानी में डूबे घर, टूटी सड़कें, उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही का नया वीडियो आया सामने
Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड में कुदरत का कहर, अब तक 4 की मौत, सीएम धामी ने नुकसान का लिया जायजा
Heavy Rain Warning: अगले 3 से 4 घंटों के दौरान हिमाचल में भयंकर बारिश की संभावना, IMD अलर्ट जारी