Fact Check: कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस में फेक लेटर वायरल, सीबीआई ने बताया फर्जी
Fact Check: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और मर्डर केस को लेकर देशभर में गुस्सा और विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच सोशल मीडिया में सीबीआई का एक फेक लेटर वायरल हो रहा है.
By ArbindKumar Mishra | August 20, 2024 6:02 PM
Fact Check: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और मर्डर केस की जांव सीबीआई कर रही है. इसी मामले में सोशल मीडिया में सीबीआई के नाम पर एक लेटर वायरल हो रहा है. जिसमें दावा किया गया है कि सीबीआई के एक अधिकारी ने जांच से पीछे हटने का फैसला किया है. दावा किया जा रहा है कि अधिकारी ने मामले में राजनेताओं के दबाव और हस्तक्षेप के बाद जांच से हटने का फैसला किया है.
सीबीआई ने लेटर को बताया फर्जी
सोशल मीडिया में लेटर वायरल होने के बाद सीबीआई ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक बयान जारी किया, जिसमें अपने आधिकारिक एक्स पर लेटर जारी कर बताया गया कि सोशल मीडिया में कोलकाता डॉक्टर मर्डर केस को लेकर जो सीबीआई लेटर वायरल हो रहा है, वह फर्जी है. सीबीआई ने लेटर जारी कर बताया, डॉ आकाश नाग नाम के एक व्यक्ति के नाम पर एक फर्जी लेटर और आधिकारिक बैनर केंद्रीय जांच ब्यूरो, उप महानिरीक्षक कार्यालय, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, कोलकाता के तहत खुद को डीआइजी, संयुक्त निदेशक, अपराध शाखा, कोलकाता होने का दावा किया गया. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या से जुड़ा मामला केंद्रीय गृह सचिव को संबोधित करते हुए व्हाट्सएप आदि के माध्यम से सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है. यह स्पष्ट किया जाता है कि लेटर फर्जी है. मामले की जांच सीबीआई मुख्यालय, दिल्ली द्वारा की जा रही है. इसके अलावा, डॉ आकाश नाग, डीआइजी, संयुक्त निदेशक, अपराध शाखा, एसीबी, कोलकाता के नाम और पदनाम का कोई अधिकारी सीबीआई में नहीं है. उक्त पत्र की सामग्री झूठी है और इसलिए इसका जोरदार खंडन किया जाता है. सीबीआई ने आम लोगों से वायरल लेटर को नजरअंदाज करने की अपील की है. सीबीआई की ओर से कहा गया कि कोलकाता मामले की जांच पूरी व्यावसायिकता के साथ की जा रही है.
Clarification Regarding a Fake Letter About CBI Investigation of a Case Related to Rape and Murder of Trainee Doctor pic.twitter.com/6CtrugkX53
— Central Bureau of Investigation (India) (@CBIHeadquarters) August 20, 2024