Fali Sam Nariman दिग्गज कानून विशेषज्ञ और पूर्व सॉलिसिटर जनरल फली एस नरीमन का बुधवार को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह हृदय संबंधित परेशानियों सहित कई बीमारियों से जूझ रहे थे. नरीमन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस समेत कई दिग्गजों ने शोक जताया.
पीएम मोदी ने जताया शोक
Fali Sam Nariman: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फली एस नरीमन के निधन पर शोक जताया और कहा कि उन्होंने अपना जीवन आम नागरिकों तक न्याय सुनिश्चित करने के लिए समर्पित कर दिया. मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, फली नरीमन उत्कृष्ट विधि विशेषज्ञों और बुद्धिजीवियों में से थे. उन्होंने अपना जीवन आम नागरिकों तक न्याय सुनिश्चित करने के लिए समर्पित कर दिया. मैं उनके निधन से दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. उनकी आत्मा को शांति मिले.
Shri Fali Nariman Ji was among the most outstanding legal minds and intellectuals. He devoted his life to making justice accessible to common citizens. I am pained by his passing away. My thoughts are with his family and admirers. May his soul rest in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2024
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने जताया शोक
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कानूनविद् और वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन के निधन पर बुधवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि वह ‘एक महान बुद्धिजीवी थे.’ सीजेआई ने कहा, श्रीमान अटॉर्नी जनरल, हम फली नरीमन के निधन पर शोक जताते हैं. वह एक महान बुद्धिजीवी थे.
फली एस नरीमन को जानें
फली एस नरीमन का जन्म 10 जनवरी 1929 को हुआ था. नवंबर 1950 में उन्होंने बंबई हाई कोर्ट से वकालत शुरु की और 1961 में उन्हें वरिष्ठ वकील का दर्जा हासिल हुआ. नरीमन का जन्म रंगून (अब यांगून) में एक संपन्न कारोबारी परिवार में हुआ था. वर्ष 1942 में जापान की ओर से आक्रमण किये जाने के बाद उनका परिवार भारत आ गया. उस समय नरीमन 12 साल के थे. उन्होंने 70 वर्षों से अधिक समय तक वकालत की. शुरुआत बंबई हाई कोर्ट से हुई और फिर 1972 से सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने लंबा सफर तय किया. नरीमन को मई 1972 में भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने 26 जून 1975 को आपातकाल लागू होने के एक दिन बाद पद से इस्तीफा दे दिया था.
कई ऐतिहासिक मामलों पर पैरवी के लिए जाने जाते हैं फली एस नरीमन
फली एस नरीमन अपने लंबे और शानदार कानूनी करियर में नरीमन ने कई ऐतिहासिक मामलों में पैरवी की. इनमें भोपाल गैस त्रासदी, ‘टीएमए पाई फाउंडेशन’ और जयललिता का आय से अधिक संपत्ति जैसे मामले भी शामिल हैं. इसके अलावा वह राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के चर्चित मामले से भी जुड़े रहे. इस आयोग को सुप्रीम कोर्ट ने भंग कर दिया था.
भारतीय न्यायपालिका के ‘भीष्म पितामह’ कहे जाने वाले नरीमन ने कई किताबें भी लिखीं
भारतीय न्यायपालिका के ‘भीष्म पितामह’ कहे जाने वाले नरीमन ने ‘बिफोर द मेमोरी फेड्स’, ‘द स्टेट ऑफ द नेशन’, ‘इंडियाज लीगल सिस्टम: कैन इट बी सेव्ड?’ और ‘गॉड सेव द ऑनर्बेल सुप्रीम कोर्ट’ जैसी किताबें भी लिखीं.
कई सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं नरीमन
नरीमन को जनवरी 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. नवंबर 1999 में उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी मनोनित किया गया था.
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