Farmer Protest: शंभू बॉर्डर पर डटे किसान आज यानी शनिवार को एक बार फिर दिल्ली कूच का प्रयास करेंगे. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा है कि जसविंदर सिंह लोंगोवाल और मलकीत सिंह के नेतृत्व में तीसरा समूह शांतिपूर्वक यहां से आगे बढ़ेगा. पंढेर ने कहा कि एक बार फिर 101 किसानों का जत्था दोपहर के 12 बजे दिल्ली के लिए निकलेंगे.
जगजीत सिंह दल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी
शंभू बॉर्डर से सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि हमें खनौरी से जानकारी मिल रही है कि जगजीत सिंह दल्लेवाल की तबीयत ठीक नहीं है. बीते 18 दिनों से वो आमरण अनशन पर हैं. उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है. पंढेर ने आरोप लगाया कि पीएम और गृह मंत्री को छोड़कर देश को उनके स्वास्थ्य की चिंता है.
कमेटी बनाना हमारी समस्या का समाधान नहीं- पंढेर
सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार को न तो हमारे दिल्ली मार्च की चिंता है और न ही खनौरी में क्या हो रहा है इसकी चिंता है. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि कमेटी बनाना किसानों की समस्या का समाधान नहीं है. अगर सरकार चाहती है यह समस्या किसी समाधान पर पहुंचे तो उन्हें हमारे साथ बातचीत की व्यवस्था करनी चाहिए.
#WATCH | Shambhu Border: Farmer leader Sarwan Singh Pandher says, "Our third group headed by Jaswinder Singh Longowal and Malkit Singh will proceed from here peacefully sharp at 12… We are receiving information from Khanauri that Jagjit Singh Dallewal is not keeping well. The… pic.twitter.com/0JKwPeXcBK
— ANI (@ANI) December 13, 2024
6 और 8 दिसंबर को भी दिल्ली कूच की हुई थी कोशिश
इससे पहले शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने दो बार दिल्ली में प्रवेश करने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं. पहली बार 6 दिसंबर को 101 किसानों के जत्थे ने दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की थी. इसके बाद 8 दिसंबर को 101 किसानों एक जत्थे ने पैदल दिल्ली मार्च करने की कोशिश की थी. हालांकि दोनों बार हरियाणा पुलिस के जवानों ने किसानों को आगे बढ़ने से रोक दिया. इस दौरान शंभू बॉर्डर पर काफी हंगामा हुआ. किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गये. कई किसान घायल हो गये थे.
फरवरी महीने से ही शंभू बॉर्डर पर डटे हैं किसान
किसान इसी साल के फरवरी महीने से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसानों ने इससे पहले 13 फरवरी और 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करने का प्रयास किया था, लेकिन सीमा बिंदुओं पर तैनात सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया था.
क्या है किसानों की मांग
किसान अपनी मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मुख्य मांग है.
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल
- फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग
- किसान कर्ज माफी
- किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन
- पुलिस किसानों पर दर्ज मामले वापस ले.
- लखीमपुर खीरी हिंसा पीड़ितों को न्याय मिले.
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