दिल्ली, बैंगलोर या मुंबई? खाने-पीने में सबसे खर्चीला कौन है?

FMCG Consumption In India: देश के किस राज्य के लोग FMCG खपत और खर्च दोनों में राष्ट्रीय औसत से दोगुना इजाफा देखा गया है. दक्षिणी दिल्ली सबसे ज्यादा FMCG उपयोग करती है, जबकि पश्चिमी दिल्ली सबसे ज्यादा खर्च करती है.

By Ayush Raj Dwivedi | June 17, 2025 12:31 PM
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FMCG Consumption In India: देश की राजधानी दिल्ली केवल राजनीतिक और प्रशासनिक ही नहीं, बल्कि खाने-पीने और उपभोग के मामले में भी सबसे आगे है. FMCG (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) की खपत के आंकड़े बताते हैं कि दक्षिणी दिल्ली जहां सबसे ज्यादा खपत करती है, वहीं पश्चिमी दिल्ली में सबसे अधिक खर्च होता है.

पश्चिमी दिल्ली सबसे खर्चीली, दक्षिणी दिल्ली सबसे ज्यादा खपत करने वाली

डेटा और कंसल्टिंग फर्म ‘कांतार’ के FMCG पल्स डेटा के मुताबिक, पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर, जनकपुरी, सागरपुर और विकासपुरी जैसे इलाकों में एक परिवार औसतन सालाना ₹39,325 FMCG पर खर्च करता है. यह राष्ट्रीय औसत से दोगुना है.

वहीं, दक्षिणी दिल्ली के ओखला, कालकाजी, लाजपत नगर और भोगल जैसे क्लस्टर सालाना औसतन 240 किलोग्राम FMCG प्रोडक्ट्स का उपभोग करते हैं, जो फिर से राष्ट्रीय औसत से लगभग दोगुना है.

बैंगलोर में FMCG सबसे महंगे

जब प्रीमियम उत्पादों की बात आती है, तो बैंगलोर देश में सबसे आगे है. यहां प्रति किलोग्राम FMCG पर औसतन ₹211 खर्च होते हैं, जबकि देश के अन्य शहरों में यह ₹195 प्रति किलो से कम है.

मुंबई का धारावी क्लस्टर सबसे ज्यादा बार खरीदारी

मुंबई के ग्रेटर धारावी-सांताक्रूज क्लस्टर (GDSC) में रहने वाले परिवार हर साल औसतन 233 बार FMCG उत्पाद खरीदते हैं. इसका मतलब है कि हर 37 घंटे में एक बार खरीदारी है. इसके विपरीत, देश का औसत शहरी परिवार साल में 128 बार FMCG शॉपिंग करता है.

दिल्ली में सबसे ज्यादा तेल और नमक, कम स्नैक्स

दिल्ली के दक्षिणी इलाके जहां स्नैक्स कम खरीदते हैं, वहीं ये इलाके सालाना औसतन 45 लीटर खाद्य तेल और 17 किलोग्राम नमक का उपभोग करते हैं. यह आंकड़ा शहर के औसत से कहीं अधिक है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यहां घर का बना खाना प्राथमिकता में है.

कहां सबसे कम खर्च?

सूरत और कोलकाता भी ऐसे मेट्रो क्लस्टर हैं जहां प्रति खरीदारी ₹100 से कम खर्च किए जाते हैं. GDSC के साथ ये शहर कम कीमत और मात्रा की खरीदारी में शामिल हैं, जो वहां के कम आय वर्ग की प्राथमिकता को दर्शाते हैं.

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