Shinzo Abe: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे वर्ष 2015 में वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गंगा आरती में शामिल हुए थे. उस कार्यक्रम की उनकी तस्वीरें उनके भारत से जुड़ाव का प्रतीक हैं और भारत के साथ उनके ‘विशेष बंधन’ को भी दर्शाती हैं. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने माथे पर तिलक लगाया था और उनके हाथों में पूजा की थाली थी.
कुर्ता-पाजामा, नीले रंग की सदरी में आबे ने ध्यान खींचा
वहीं, गुजरात में प्रधानमंत्री मोदी के साथ साबरमती आश्रम जाते हुए रोड शो के दौरान कुर्ता-पाजामा और नीले रंग की सदरी में नजर आये शिंजो आबे की तस्वीरों ने भी सभी का ध्यान आकर्षित किया था. हालांकि, इसमें कूटनीतिक संदेश भी था, क्योंकि इन यात्राओं से इतर दोनों देश आर्थिक भागीदारी को और मजबूती दे रहे थे.
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2021 में पद्म विभूषण से सम्मानित हुए शिंजो आबे
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को वर्ष 2021 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाना भी भारत के साथ उनके विशेष जुड़ाव का प्रतीक है. पद्म विभूषण भारत का दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. शिंजो आबे की एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गयी. आबे (67) को पश्चिमी जापान के नारा में भाषण शुरू करने के कुछ मिनटों बाद ही गोली मार दी गयी थी.
प्रिय मित्र शिंजो आबे के निधन पर पीएम मोदी ने जताया गहरा शोक
उन्हें विमान से एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. अपने ‘प्रिय मित्र’ शिंजो आबे के निधन पर गहरा शोक जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ट्विटर पर भावुक प्रतिक्रिया व्यक्त की. कहा कि अपने हालिया जापान दौरे पर उनकी मुलाकात आबे से हुई थी और उनसे कई मुद्दों पर चर्चा का अवसर मिला था, लेकिन ‘मुझे तनिक भी अंदाजा नहीं था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी.’
मनमोहन सिंह से भी शिंजो आबे के थे मधुर संबंध
मोदी ने कहा कि आबे ने भारत-जापान संबंधों को विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर पर ले जाने में अहम योगदान दिया. सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद संभालने वाले आबे के न केवल मोदी, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मधुर संबंध रहे. वर्ष 2006 में मनमोहन सिंह और आबे ने नयी चुनौतियों पर विचार किया था और संबंधों को वैश्विक और सामरिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया था.
2014 में गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि थे शिंजो आबे
वर्ष 2007 में शिंजो आबे भारतीय संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने वाले पहले जापानी प्रधानमंत्री बने. तब अपने संबोधन के दौरान आबे ने उस समय को भी याद किया था, जब 1957 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनके दादा और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नोबुशुके किशी की अगवानी की थी. आबे ने वर्ष 2014 में गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की थी.
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