गोवा से कोरोना को लेकर राहत की खबर, 46 तबलीगी जमात अनुयायियों का टेस्ट आया निगेटिव
गोवा से कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर राहत की खबर है. गोवा के सीएम प्रमोद सावंत (Goa CM Pramod Sawant) ने बताया सभी 46 तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) अनुयायियों (46 में से 10 दिल्ली में जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे) का COVID19 टेस्ट निगेटिव आया है.
By ArbindKumar Mishra | April 11, 2020 9:18 PM
नयी दिल्ली : गोवा से कोरोना वायरस को लेकर राहत की खबर है. गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने बताया सभी 46 तबलीगी जमात अनुयायियों (46 में से 10 दिल्ली में जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे) का COVID19 टेस्ट निगेटिव आया है. उन्होंने कहा, हमने सुझाव दिया है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाना चाहिए, लेकिन आर्थिक गतिविधियों को जारी रखना चाहिए. सोमवार से निजी और सरकारी अस्पतालों में OPDs शुरू हो जाएंगे. आज से राज्य में मछली उत्पादन से संबंधित गतिविधियां शुरू हो गई हैं. मालूम हो गोवा में कोरोना के कुल 7 केस आये हैं. एक मरीज ठीक होकर घर लौट चुका है, वहां से अब तक एक भी मौत की खबर नहीं है.
We have also suggested that the lockdown should be extended but economic activities should continue. From Monday, OPDs of private and government hospitals will begin to function. While from today, fisheries activities have started in the state: Goa CM Pramod Sawant #COVID19pic.twitter.com/QKhp1POCN0
कोरोना वायरस के कारण लगाए लॉकडाउन के बीच गोवा में शराब की दुकानें बद होने के चलते स्थानीय लोग बीयर और ब्रांडी के विकल्प के तौर पर तेजी से पारंपरिक शराब का सेवन कर रहे हैं. गोवा के गांवों में हरी गली-नुक्कड़ पर मिलने वाली इस स्थानीय शराब को बनाने वाले लोगों को इन्हें घर तक पहुंचाने के लिए कहा जा रहा है.
कैश्यु डिस्टिलर्स एंड बॉटलर्स एसोसिएशन के संस्थापक-अध्यक्ष मैक वाज ने कहा, इन दिनों स्थानीय शराब की भारी मांग है. लोग हर संभव तरीके से इसे खरीदने की कोशिश कर रही है. कोरोना वायरस पर लगाम लगाने के लिए देशव्यापी बंद के बाद तटीय राज्य में शराब की सैकड़ों दुकानें बंद है.
वाज ने बताया कि काजू सेब के रस से बनने वाली एक लीटर की इस शराब की बोतल की कीमत करीब 100 रुपये है और इसके निर्माताओं ने मांग के बावजूद इसकी कीमत नहीं बढ़ाई है. पोंडा के समीप निरांचल में स्थित काजू उत्पादक विकास प्रभु ने कहा, लोग इस स्थानीय शराब के मौसम का इंतजार करते हैं, लेकिन इस पारंपरिक पेय की मांग बढ़ गई क्योंकि शराब की दुकानें बंद हैं.