सभी विभागों के लिए सलाह जारी
मलेरिया को पूरी तरह खत्म करने के मुख्य उपायों में सभी निर्माण स्थलों पर मजदूरों की अनिवार्य स्क्रीनिंग और गोवा पब्लिक हेल्थ एक्ट के तहत हेल्थ कार्ड जारी करना मुख्य रूप से शामिल है. ये ऐसे क्षेत्र माने जाते हैं जहां मच्छरों के पनपने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है. स्वास्थ्य निदेशालय (DHS) ने शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में स्वच्छता प्रथाओं को मजबूत करने के लिए सभी विभागों को सलाह जारी की है. विभाग ने कहा “गोवा मलेरिया के उन्मूलन चरण में है, और हमारा लक्ष्य है कि 2025-26 तक पूरी तरह इसे खत्म कर दिया जाए,” स्वास्थ्य मंत्री राणे ने कहा “यह केवल एक विभागीय प्रयास नहीं है, इसके लिए सरकारी विभागों के बीच समन्वय और जनता की सक्रिय भागीदारी जरूरी है.”
सब-नेशनल मलेरिया एलिमिनेशन अवॉर्ड
यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह अभियान लगातार जारी रहे राज्य ने दक्षिण गोवा जिले के लिए सब-नेशनल मलेरिया एलिमिनेशन अवार्ड के लिए प्रस्ताव भेजा है, जिसमें 2022, 2023 और 2024 के प्रदर्शन को शामिल किया गया है. यह पुरस्कार उन क्षेत्रों को मान्यता देता है जिन्होंने मलेरिया नियंत्रण और उन्मूलन में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है. जन जागरूकता भी इस रणनीति का एक प्रमुख हिस्सा है. स्वास्थ्य विभाग नागरिकों से अपील कर रहा है कि वे अपने आसपास की सफाई बनाए रखें ताकि मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म किया जा सके. “जनता की भागीदारी बहुत जरूरी है. आइए हम सब मिलकर गोवा को वेक्टर जनित बीमारियों से मुक्त बनाएं,” राणे ने जोड़ा.
अधिकारियों का कहना है कि यह कदम राज्य की बड़ी स्वास्थ्य दृष्टि को दर्शाता है, जिसमें शुरुआती पहचान, रोकथाम और निरंतर निगरानी पर विशेष ध्यान है. अगर यह अभियान सफल रहता है, तो गोवा उन पहले भारतीय राज्यों में शामिल हो जाएगा जो राष्ट्रीय ढांचे के तहत मलेरिया उन्मूलन हासिल कर लेंगे. स्पष्ट टाइमलाइन और कई पक्षों की साझेदारी के साथ, गोवा की मलेरिया के खिलाफ लड़ाई को सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और ऐसे अन्य राज्यों द्वारा करीब से देखा जा रहा है, जो ऐसे ही लक्ष्य पर काम कर रहे हैं.