चुनाव आयोग ने पार्टियों से कहा है कि कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के मद्देनजर राजनीतिक दलों को वर्चुअल कैंपेन करना चाहिए. पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान कोरोना का संक्रमण तेजी से फैला था और इसके लिए चुनाव आयोग की खूब किरकिरी हुई थी. हालांकि, चुनाव आयोग ने बाद में रैलियों पर सख्त पाबंदी लगायी थी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. इस बार आयोग ने कोई रिस्क नहीं लिया और चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही सख्त पाबंदियां लगा दीं.
आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद चुनाव आयोग के आदेशों का उल्लंघन करना किसी भी पार्टी को भारी पड़ सकता है. इसलिए आयोग की गाइडलाइंस का पालन करना उनकी मजबूरी है. लेकिन, सभी यह जानना चाह रहे हैं कि 15 जनवरी 2022 के बाद भी चुनाव प्रचार शुरू होगा या नहीं. इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति पर उसकी नजर बनी हुई है. चुनाव आयोग को कोरोना से जुड़ी जानकारियां दी जायेंगी. आने वाले दिनों में कैसी स्थिति बनती है, उसे देखते हुए आयोग के साथ संपर्क किया जायेगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड19 की स्थिति के बारे में वह चुनाव आयोग के साथ समन्वय स्थापित करेगा. चुनाव आयोग के साथ मंत्रणा के बाद ही यह तय हो पायेगा कि राजनीतिक पार्टियों को चुनाव से पहले जनसभा, पदयात्रा, साइकिल रैली, मोटरसाइकिल रैली आदि करने की अनुमति दी जाये या नहीं. ज्ञात हो कि फरवरी में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में विधानसभा के चुनाव कराये जायेंगे. 10 मार्च को एक साथ सभी राज्यों में मतगणणना होगी और उसी दिन परिणाम आ जाने की उम्मीद है.
Posted By: Mithilesh Jha