नयी दिल्ली : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ओडिशा तट के बंगाल की खाड़ी में उत्तर-पश्चिम पर कम दबाव का क्षेत्र बनने को लेकर चक्रवात की चेतावनी जारी की है. आईएमडी ने कहा है कि लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) और खेपुपरा (बांग्लादेश) से 200 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में यह केंद्रित है.
मौसम विभाग ने आज 23 अक्तूबर को त्रिपुरा में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश और अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना जतायी है. साथ ही कहा है कि नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, दक्षिण असम और मेघालय में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होगी. असम के शेष जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के साथ कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है. वहीं, 24 अक्टूबर को असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश के साथ कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है.
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों के दौरान उत्तरी बंगाल खाड़ी के ऊपर 45-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलनेवाली हवाओं की रफ्तार 65 किमी प्रति घंटे तक होगी. अगले 12 घंटों के दौरान उत्तर-ओडिशा तट से 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलनेवाली हवा की गति 60 किमी प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है. अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तटों पर 45-55 किमी प्रति घंटे से लेकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी.
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान उत्तरी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे मध्य खाड़ी में बहुत खराब स्थिति के मद्देनजर कहा है कि उत्तरी ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों के साथ समुद्र की हालत बहुत खराब हो जायेगी. मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे अगले 24 घंटों के दौरान उत्तरी बंगाल की खाड़ी, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर और अगले 12 घंटों के दौरान ओडिशा तट से दूर न जाएं.
आईएमडी ने कहा है कि सड़कों पर पानी, निचले इलाकों में जलजमाव और मुख्य रूप से उपरोक्त क्षेत्र के के शहरी क्षेत्रों में मुख्य रूप से अंडरपास बंद कर दिये जाएं. पूर्वोत्तर राज्यों के पहाड़ी इलाकों में भू-स्खलन की संभावना है. भारी वर्षा के कारण दृश्यता में भी कमी आयेगी. शहरों में यातायात का व्यवधान पड़ने के साथ कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान हो सकता है. कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और तेज हवाओं के कारण बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है. यह नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में बाढ़ का कारण बन सकता है.
मौसम विभाग ने सुझाव दिया है कि सुंदरवन में वन्यजीवों, वनस्पतियों, जीवों, अभयारण्यों की रक्षा करने का प्रयास करें.गंतव्य के लिए रवाना होने से पूर्व अपने मार्ग पर यातायात की भीड़ की जांच कर लें. इस संबंध में जारी यातायात सलाह का पालन करें. जलजमाव और तेज हवाओं वाले क्षेत्रों में जाने से बचें. साथ ही कमजोर निर्माण वाले स्थान में रहने से बचें.
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