BJP सरकार बनी तो IAS ने छोड़ी नौकरी, जानिए क्या है कारण?

IAS Left Job After BJP Government: ओडिशा में बीजेपी सरकार बनने के बाद सुजाता कार्तिकेयन ने छुट्टी ली और अब VRS ले लिया. मिशन शक्ति और माओवादी इलाकों में उनके योगदान को याद किया जा रहा है.

By Aman Kumar Pandey | March 30, 2025 10:21 AM
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IAS Left Job After BJP Government: ओडिशा कैडर की सीनियर आईएएस अधिकारी सुजाता कार्तिकेयन ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली है. केंद्र सरकार ने उनके VRS आवेदन को मंजूरी दे दी है. सुजाता कार्तिकेयन ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी और पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन की पत्नी हैं, जिन्होंने कुछ समय पहले वीआरएस लेने के बाद बीजेडी (BJD) में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा था.

शिक्षा और करियर में शानदार प्रदर्शन

सुजाता कार्तिकेयन ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन में टॉप किया और इसके बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. वह 2000 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी से प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था.

माओवादी प्रभावित इलाकों में बदलाव की अगुआ

सुजाता कार्तिकेयन ने ओडिशा के माओवादी प्रभावित सुंदरगढ़ जिले में कलेक्टर रहते हुए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू किया. उन्होंने इलाके की छात्राओं को हाईस्कूल पास करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु साइकिल वितरण योजना शुरू की, जिससे पूरे ओडिशा में स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ.

इसके अलावा, माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं को माओवादियों के प्रभाव से बचाने के लिए उन्होंने फुटबॉल और हॉकी जैसे खेलों को बढ़ावा दिया. उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए लड़कियों और लड़कों के लिए हॉस्टल बनवाए और मिड-डे मील योजना में अंडे को शामिल करवाकर पोषण स्तर को बेहतर किया.

मिशन शक्ति और महिलाओं का सशक्तिकरण

सुजाता कार्तिकेयन ने मिशन शक्ति के तहत 70 लाख महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया. उनके इस प्रयास से ओडिशा की ग्रामीण महिलाओं को नई दिशा मिली.

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चुनाव आयोग ने किया था ट्रांसफर, बीजेपी ने लगाया था आरोप

2024 के आम चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने सुजाता कार्तिकेयन का ट्रांसफर कर दिया था. बीजेपी ने उन पर बीजेडी का एजेंट होने का आरोप लगाया था. चुनाव के नतीजों में बीजेडी को हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी ने ओडिशा में सत्ता हासिल की. इसके बाद वीके पांडियन ने भी सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली.

पारिवारिक कारणों से ली छुट्टी और फिर VRS

सुजाता ने 2024 के चुनाव के बाद छह महीने की छुट्टी के लिए आवेदन दिया था. उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई का हवाला देकर यह छुट्टी ली थी. इसके बाद अब उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से समय से पहले रिटायरमेंट का फैसला कर लिया.

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सुजाता कार्तिकेयन की रिटायरमेंट के बाद ओडिशा की प्रशासनिक सेवाओं में एक सशक्त और प्रभावशाली अधिकारी की कमी महसूस की जाएगी, जिन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण और माओवादी प्रभावित इलाकों में विकास के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया.

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