भारत बना विश्व का दूसरा सबसे ज्यादा इंटरनेट डेटा खपत करने वाला देश

भारत में इंटरनेट , जो 1986 में केवल शैक्षिक और अनुसंधान समुदाय तक पहुंच के साथ शुरू हुआ और 15 अगस्त 1995 को आम जनता की पहुंच के साथ, 2023 तक 900 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता थे। [ 1 ] यह बताया गया है कि 2022 में भारत में औसत मोबाइल इंटरनेट खपत 19.5 जीबी प्रति माह थी और प्रति माह मोबाइल डेटा उपयोग 2018 में 4.5 एक्साबाइट से बढ़कर 2022 में 14.4 एक्साबाइट हो गया....

By Abhishek Singh | April 17, 2025 2:12 PM
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आज के समय में इंटरनेट के बिना कल्पना कर पाना भी मुश्किल है. इंटरनेट ने हर काम को आसान बना दिया है. लेकिन क्या आपको पता है भारत विश्व के दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा डेटा (इंटरनेट) खपत करने वाला देश है. फरवरी 2025 तक, दुनिया भर में 5.56 बिलियन लोग इंटरनेट उपयोगकर्ता थे, जो वैश्विक आबादी का 67.9 प्रतिशत था. इस कुल में से, 5.24 बिलियन या दुनिया की 63.9 प्रतिशत आबादी सोशल मीडिया उपयोगकर्ता थी. भारत में इंटरनेट डेटा उपयोग तेजी से बढ़ रहा है. मासिक 5G डेटा ट्रैफिक लगभग तीन गुना बढ़ गया है, और 2026 की पहली तिमाही तक 5G डेटा की खपत 4G से भी अधिक होने की उम्मीद है.

भारत में इंटरनेट का विस्तार
भारत में इंटरनेट , जो 1986 में केवल शैक्षिक और अनुसंधान समुदाय तक पहुंच के साथ शुरू हुआ और 15 अगस्त 1995 को आम जनता की पहुंच के साथ, 2023 तक 900 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता थे. यह बताया गया है कि 2022 में भारत में औसत मोबाइल इंटरनेट खपत 19.5 जीबी प्रति माह थी और प्रति माह मोबाइल डेटा उपयोग 2018 में 4.5 एक्साबाइट से बढ़कर 2022 में 14.4 एक्साबाइट हो गया. भारत सरकार ने इंटरनेट आधारित पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को और तेज करने के लिए डिजिटल इंडिया , भारतनेट , कॉमन सर्विस सेंटर , यूपीआई तत्काल भुगतान प्रणाली, स्टार्टअप इंडिया आदि जैसी परियोजनाओं को शुरू किया है.

विश्व आर्थिक मंच (WEF) की रिपोर्ट कहती है…

विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट है कि 2019 में 60% भारतीय इंटरनेट उपयोगकर्ता स्थानीय भाषा में सामग्री देखते हैं और केवल एक चौथाई इंटरनेट उपयोगकर्ता 35 वर्ष से अधिक आयु के थे, 2030 तक 1.1 बिलियन भारतीयों के पास इंटरनेट का उपयोग होगा, जिसमें 80% ग्राहक आधार मुख्य रूप से मोबाइल उपकरणों पर इंटरनेट का उपयोग करेंगे.भारत के इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार की प्रोफ़ाइल में 2030 तक विविधता आने का अनुमान है, जिसमें 80% उपयोगकर्ता स्थानीय भाषा में सामग्री का उपयोग करेंगे और 25 वर्ष से अधिक आयु के उपयोगकर्ता कुल ग्राहक आधार का 45% हिस्सा होंगे. देश में महिला उपयोगकर्ताओं की तुलना में पुरुष इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या कहीं अधिक होने के कारण डिजिटल लिंग अंतर भी है. शहरी महानगरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में यह अंतर अधिक स्पष्ट है.

भारत में अंबानी ने jio लॉन्च कर लोगों को लगाया इंटरनेट का चस्का

साल 2016 इंटरनेट या यूं कह लें कि 4जी के नाम रहा तो गलत नहीं होगा. इस एक साल के दौरान इंटरनेट ना केवल सस्ता हुआ बल्क‍ि लोगों को फ्री इंटरनेट सेवाएं भी मिलीं. आपको याद होगा कि 2016 की शुरुआत में आप किस तरह बचा-बचाकर मोबाइफ फोन डाटा इस्तेमाल करते थे. मसलन, 50 रुपये का इंटरनेट पैक (डाटा) लिया तो उसे पूरे महीने चलाने के लिए जी-जान लगा देते थे. पर साल जाते-जाते मोबाइल इंटरनेट के क्षेत्र में काफी कुछ बदल गया है. साल की शुरुआत में 50 रुपये में जो डाटा आपको मिल रहा था, उसका दस गुना ज्यादा अब साल के जाते-जाते मिलने लगा है. यही नहीं, इंटरनेट की जो स्पीड आपको साल की शुरुआत में मिल रही थी, उसमें 70 से 80 फीसदी का अंतर आ गया है. 2016 में रिलायंस जियो के लॉन्च के बाद भारत में इंटरनेट का विस्तार बहुत हुआ है. इससे डेटा की कीमतें बहुत कम हो गई हैं और इंटरनेट का उपयोग काफी बढ़ गया है. जियो ने सस्ते डेटा प्लान और फ्री इंटरनेट सेवाओं के माध्यम से भारत में इंटरनेट के उपयोग को बढ़ावा दिया है.

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