पाकिस्तान का पूर्व सांसद भारत में बेचता है आइसक्रीम, जानिए कैसे बने ये हालात?

India-Pakistan Conflict: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पड़ोसी देश पाकिस्तान और हमारे देश के बीच तनातनी का माहौल है. भारत में वीजा के साथ रह रहे पाकिस्तानी नागरिक को देश खाली करने के भी आदेश दिए गए थे. अब इस बीच पाकिस्तान के एक पूर्व सांसद का नाम काफी चर्चे में है. वे इन दिनों भारत में रहकर आइसक्रीम बेचते हैं. आइए, जानते हैं इनके बारे में…

By Aniket Kumar | April 29, 2025 2:15 PM
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India-Pakistan Conflict: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को देश से बाहर जाने का फरमान सुनाया था. ऐसे में जो पाकिस्तानी नागरिक वीजा लेकर भारत में रहते थे, वो अब अपने देश लौट गए हैं. वहीं, हरियाणा के फतेहाबाद में अब भी पाकिस्तान का पूर्व सांसद डबाया राम और उनका पूरा परिवार रह रहा है. उनके परिवार में फिलहाल छह लोगों को भारत की नागरिकता मिल चुकी है. वहीं, उनके परिवार के अन्य लोगों ने नागरिकता के लिए आवेदन दिया है. पाकिस्तान के पूर्व सांसद डबाया राम अब सूर्खियों में हैं, क्योंकि वह यहां पर गलियों में घूमकर आइक्रीम बेचते हैं और इस तरह अपने परिवार का गुजारा करते हैं.

चुने गए थे निर्विरोध सांसद

जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान के पूर्व सांसद डबाया राम हरियाणा के रतिया क्षेत्र के गांव रतनगढ़ में रहते हैं और यहीं के गली मोहल्ले में आइसक्रीम बेचते हैं. डबाया राम का जन्म पाकिस्तान के पंजाब में 1947 के बंटवारे से करीब 2 साल पहले हुआ था. 1947 के बंटवारे के दौरान उनका परिवार पाकिस्तान में ही रह गया. उनके परिवार पर धर्म परिवर्तन के लिए कई बार दबाव डाला गया, लेकिन उन्होंने अपना धर्म नहीं बदला. 1988 में पाकिस्तान में नेशनल असेंबली का चुनाव होना था. इस चुनाव में डबाया राम पाकिस्तान के पंजाब के जिला लोहिया और बखर से निर्विरोध सांसद चुने गए. बाद में उन्होंने पीपुल्स पार्टी की नेता बेनजीर भुट्टो को वोट दिया और बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं.

2000 में आए भारत

पाकिस्तान में रहने के दौरान उनके परिवार के साथ कुछ अमानवीय घटना हुई. घटना के कुछ समय बाद उनके परिवार ने पाकिस्तान छोड़ने का मन बना लिया. साल 2000 में 13 परिवार के सदस्यों सहित कुल 35 लोग पाकिस्तान से भारत का वीजा प्राप्त कर रोहतक आ गए और वहीं रहने लगे. बाद में वे रोहतक से फतेहाबाद के गांव रतनगढ़ में आकर रहने लगे. गौरतलब है कि इनके परिवार को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन फिर वापस भेज दिया.

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