क्यों हो रही है यह मॉक ड्रिल?
गृह मंत्रालय के मुताबिक, यह अभ्यास इसलिए जरूरी है ताकि नागरिकों को सायरन, अलर्ट सिस्टम और आपात स्थिति में बचाव के तरीकों की व्यावहारिक जानकारी दी जा सके. इसके जरिए नागरिक सुरक्षा संगठन (Civil Defence) की भूमिका को मजबूत किया जाएगा, ताकि युद्ध जैसे हालात में जान-माल की रक्षा की जा सके.
किन जिलों में होगी मॉक ड्रिल?
यह ड्रिल पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के रणनीतिक जिलों में की जाएगी. साथ ही देश के कुछ संवेदनशील टाउन और शहरों को भी सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट घोषित किया गया है.
सायरन बजने पर क्या करें?
- तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं
- खुले इलाकों से हटकर इमारतों में शरण लें
- टीवी, रेडियो या सरकारी ऐप्स से अपडेट लेते रहें
- किसी भी अफवाह से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
मॉक ड्रिल में कौन-कौन होगा शामिल?
- जिला प्रशासन, पुलिस, होम गार्ड्स, सिविल डिफेंस वार्डन
- स्कूल-कॉलेज के छात्र, NCC, NSS और NYKS के सदस्य
- स्थानीय लोग और स्वयंसेवक संगठन
- कहां लगाए जाएंगे सायरन?
सायरन सिस्टम प्रशासनिक कार्यालयों, फायर स्टेशनों, पुलिस मुख्यालय, बाजारों, भीड़भाड़ वाली जगहों और सैन्य ठिकानों पर स्थापित किए जाएंगे. ये सायरन 2 से 5 किलोमीटर की दूरी तक 120-140 डेसिबल की तीव्रता से सुने जा सकेंगे.
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