India USA Defence Deal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के अपने दौरे के दूसरे चरण में वॉशिगंटन जाएंगे और वहां पर वह कई अहम रक्षा समझौतों को अंजाम तक पहुचाएंगे. इस रक्षा समझौते में तेजस को अपग्रेड करने के लिए टेक्नॉलजी ट्रांसफर और नए जेट इंजन के निर्माण को लेकर होने वाली डील भी शामिल है.
भारत में ही होगा जेट इंजनों का उत्पादन
इस डील को अंतिम रूप देने के लिए यूएस की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने पूरी तैयारी कर ली है. एक बार सौदा पूरा हो जाने के बाद दोनों एजेंसियां 2027-28 तक तेजस मार्क 2 जहाजों के लिए इंजन का उत्पादन करने में जुट जाएगी. GE-414 इंजन के लिए होने वाली यह डील अमेरिकी कांग्रेस की स्वीकृति के बाद हो रही है. बताया जा रहा है कि यह डील यूएस कांग्रेस से हरी झंडी मिलने के बाद 100 फीसदी प्रोद्योगिकी हस्तांतरण के तहत भारत में होगी. साफ है कि यह इंजन भारत में ही बनाए जांएगे. जिसकी टेक्नॉलजी अमेरिका भारत को देगा.
एफ-414 इंजन वितरित करने में सक्षम है HAL
सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, आने वाले दिनों में भारतीय वायु सेना तेजस विमानों के कम से कम छह स्क्वाड्रन बनाने की तैयारी कर रही है, जिसका प्रोटोटॉइप तैयार हो चुका है. बड़ी बात यह है कि ये सभी विमान भारत में ही बनाएं जाएंगे. इसके लिए टेक्नॉलजी ट्रांसफर को लेकर भी बात हो गई है. प्रोटोटॉइप की मंजूरी को लेकर इंडियन एयरफोर्स ने पहले ही हरी झंडी दे दी है. केंद्र सरकार का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम 500 इंजनों का निर्माण मेक इन इंडिया के माध्यम से करना चाहती है. वहीं, HAL का कहना है कि वह एफ-414 इंजन वितरित करने में सक्षम है. अभी तक की जानकारी के अनुसार, एचएएल बेंगलुरु डिवीजन और यहां तक कि नासिक डिवीजन को जीई के सहयोग से काम लेने और उत्पादन शुरू करने का काम सौंपा जा सकता है.
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