रेलवे के इस कदम का उद्देश्य कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देना है, ताकि वे यात्रा में किसी भी तरह की असुविधा महसूस न करें. विशेष रूप से, कई यात्री काउंटर से वेटिंग टिकट लेकर स्लीपर और एसी कोच में यात्रा करते हैं. जिससे कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों के लिए सीटें उपलब्ध नहीं हो पातीं और यात्रा कठिन हो जाती है.
कन्फर्म टिकट वालों को मिलेगा फायदा
अब 1 मई से लागू होने वाले इस सख्त नियम के तहत, यदि कोई यात्री वेटिंग टिकट के साथ स्लीपर और एसी कोच में पाया जाता है, तो उसे जनरल कोच में भेजा जा सकता है या फिर उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है. उत्तर पश्चिम रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, कैप्टन शशि किरण ने इस नियम को कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों की सुविधा के लिए बताया है, ताकि उनका सफर आरामदायक हो और उन्हें कोई असुविधा न हो.
यात्रियों की असुविधा को खत्म करना उद्देश्य
दरअसल, वेटिंग टिकट वाले यात्री स्लीपर और एसी कोच में घुसकर कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों की सीट पर जबरन बैठने की कोशिश करते हैं, जिससे न केवल असुविधा होती है, बल्कि आने-जाने का रास्ता भी बंद हो जाता है. इस नियम को लागू करने के बाद रेलवे का उद्देश्य यात्रियों की यात्रा को सुगम और आरामदायक बनाना है. यदि आप भी वेटिंग टिकट के साथ यात्रा करते हैं, तो अब आपको अपने टिकट की स्थिति और कोच की जानकारी पर ध्यान देना होगा, ताकि आपकी यात्रा सुखद और परेशानी मुक्त हो सके.