बहादुरी को इजराइल ने किया सम्मान
सविता ने अपने वीडियो संदेश में उस दर्दनाक घटना का स्पष्ट रूप से वर्णन किया जब उसने और मोहनन ने बहादुरी से अपनी एवं उस बुजुर्ग दंपति की रक्षा की जिनकी वे देखभाल कर रहे थे.संदेश में बताया कि घर के अंदर सुरक्षा कक्ष के दरवाजे की कुंडी को उन्होंने कसकर पकड़ लिया था. गोलियों की बौछार के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और साहसपूर्वक हमलावरों को अंदर घुसने से रोके रखा. सविता ने बताया कि जिस दंपति की देखभाल वे कर रही थी उसमें से महिला तंत्रिका तंत्र संबंधी एएलएस बीमारी से पीड़ित है.
हमले में बचाई इजराइली बुजुर्ग की जान
उन्होंने बताया कि करीब सुबह साढ़े छह बजे सायरन की आवाज सुनाई दी जिसके बाद वे सुरक्षा कक्ष में चले गए. इसके बाद दंपति की बेटी का फोन आया जिसमें उसने बताया कि इलाके में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है और घर के सभी दरवाजे बंद कर लो. इजराइल में तीन वर्ष से काम कर रही सविता ने कहा कि कुछ देर बाद घर में आतंकवादियों के घुसने की आवाज आई. इस दौरान गोलीबारी और कांच के टूटने की आवाजें आ रही थीं. उसने कहा कि हमने दोबारा उनकी बेटी को फोन किया और पूछा कि क्या करें. उसने हमें सुरक्षा कक्ष के दरवाजे के हैंडल को पकड़े रहने के लिए कहा.
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हमलावरों से लेती रही लोहा
सविता ने कहा कि हम दोनों ने करीब साढ़े चार घंटे तक हैंडल को पकड़े रखा जबकि हमलावर दरवाजे खोलने की मांग के साथ गोली बरसा रहे थे. उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमारे घर में सुबह साढ़े सात बजे घुसे थे. उन्होंने घर में सब कुछ बर्बाद कर दिया. हमें नहीं पता घर में क्या चल रहा था. करीब एक बजे हमें और गोलियों के चलने की आवाज सुनाई दी. बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि इजराइली सुरक्षा (आईडीएफ) हमें बचाने के लिए आ गये हैं. उन्होंने कहा कि आईडीएफ के आने के बाद वे सभी बाहर गए और देखा कि घर के अंदर का सामान नष्ट और लूट लिया गया था. उनके पास कुछ नहीं है यहां तक की मीरा का पासपोर्ट भी लूट लिया गया. सविता ने कहा कि उन दोनों में से किसी ने भी इस तरह का मंजर पहले नहीं देखा था.