INDO-PAK CONFLICT: पाक के परमाणु हथियारों को आईएईए की निगरानी में लिये जाने की जरूरत 

पाकिस्तान आज ऐसी स्थिति में पहुंच गया है जहां उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से ऋण मांगना पड़ रहा है, जबकि भारत उन देशों की श्रेणी में आता है जो गरीब देशों की मदद करने के लिए आईएमएफ को धन मुहैया कराता है.

By Anjani Kumar Singh | May 15, 2025 7:29 PM
an image

INDO-PAK CONFLICT:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को फिर से परिभाषित किया है, जिसके अनुसार अब भारत की धरती पर किए जाने वाले किसी भी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा. भारत ने हमेशा शांति को प्राथमिकता दी है और कभी भी युद्ध का समर्थन नहीं किया है, हालांकि, जब इसकी संप्रभुता पर हमला होता है, तो इसका जवाब देना आवश्यक होता है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन जारी रखता है, तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ इतिहास में भारत द्वारा की गई सबसे बड़ी कार्रवाई बताया और इसे आतंकवाद को खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जाने की देश की प्रतिबद्धता का प्रमाण माना जाना चाहिए.


राजनाथ सिंह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा न केवल रक्षा करने, बल्कि जरूरत पड़ने पर साहसिक फैसले लेने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है”. हर सैनिक का सपना था कि हम हर आतंकवादी ठिकाने तक पहुंचेंगे और उन्हें नष्ट करेंगे. आतंकवादियों को समाप्त करना हमारा धर्म था. हमारी सेना ने अपने गुस्से को सही दिशा दी और पहलगाम का बदला बहुत साहस और सूझबूझ के साथ लिया. ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में छिपे आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. हमारी सेनाओं ने दुनिया को दिखा दिया है कि उनका निशाना सटीक और कारगर है तथा गिनती का काम दुश्मनों पर छोड़ दिया गया है.”

पाकिस्तान के हाथ में परमाणु हथियार सुरक्षित नहीं

आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ संकल्प का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान की परमाणु ब्लैकमेल की धमकी से भारत विचलित नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि दुनिया ने देखा है कि पाकिस्तान ने कितनी गैर जिम्मेदारी से कई बार भारत को परमाणु धमकियां दी हैं. उन्होंने कहा, “दुनिया के सामने यह सवाल है, क्या ऐसे गैर जिम्मेदार और दुष्ट देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की निगरानी में लिया जाना चाहिए.

” पहलगाम की घटना के माध्यम से भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने का प्रयास किया गया था. रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान भारत को धोखा देता रहा है, और उसे भारत विरोधी और आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करना चाहिए तथा अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होने देना चाहिए. 


रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान आज ऐसी स्थिति में पहुंच गया है जहां उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से ऋण मांगना पड़ रहा है, जबकि भारत उन देशों की श्रेणी में आता है जो गरीब देशों की मदद करने के लिए आईएमएफ को धन मुहैया कराता है. उन्होंने दोहराते हुए कहा कि  सीमा पार से कोई भी अनुचित कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, जो दोनों देशों के बीच बनी सहमति का आधार है. आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, और अगर बातचीत होगी, तो वह केवल आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर होगी. इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version