Indus Water Treaty : कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने बड़ा कदम उठाया और सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया. इससे भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. सिंधु नदी पर पाकिस्तान के करोड़ों किसान और आम नागरिक का जीवन निर्भर है. भारत द्वारा वाटर फ्लो कंट्रोल किए जाने से पाकिस्तान में खेती, पीने के पानी और बिजली संकट की आशंका गहराई है. इस कदम से पाकिस्तान में भय का माहौल है और भविष्य में हालात इससे भी ज्यादा बदतर होने की संभावना जताई जा रही है.
सिंधु नदी के किनारे अपने खेत में सूखती सब्जियां देखकर किसान बेहद परेशान हैं. चिलचिलाती धूप में नदी का जल स्तर लगातार घट रहा है. भारत द्वारा जल प्रवाह रोकने के ऐलान ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है, जिससे भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है. किसानों का कहना है कि यदि भारत पानी रोक देता है तो यह इलाका थार के रेगिस्तान में बदल जाएगा. पूरा देश बर्बाद हो जाएगा. यहां के किसान भूख से मर जाएंगे. दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिंध के लतीफाबाद क्षेत्र में नदी ज्यादा प्रभाव डालती है, जहां सिंधु नदी बहती हुई अरब सागर में जाकर मिलती है.
पीने के पानी की भी हो सकती है किल्लत
पाकिस्तान के स्थानीय विशेषज्ञ और किसान मानते हैं कि यदि भारत जल प्रवाह रोकता है तो भारी मुश्किलें खड़ी हो सकती है. पहले ही बारिश में कमी और बदलते मौसम के कारण यहां की खेती प्रभावित हो रही है. ऐसे में पानी की कमी से हालात और बिगड़ सकते हैं. पीने के पानी को लेकर भी दिक्कत आ सकती है.
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पानी कब तक रोकेगा भारत?
भारत ने साफ किया है कि सिंधु जल संधि का निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह नहीं बंद कर देता. भारतीय एजेंसियों की जांच में पता चला है कि पहलगाम में पर्यटकों पर हमला करने वाले तीन आतंकियों में से दो पाकिस्तान के थे. हालांकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज किया है और जांच में सहयोग का भरोसा दिलाया है. इस स्थिति ने दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ा दिया है.