Indus Waters Treaty: सीजफायर के बाद भी पानी के लिए तरसेगा पाकिस्तान, भारत ने उठाया बड़ा कदम

Indus Waters Treaty: साल 1960 में विश्व बैंक की मदद से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे. इस संधि के तहत तीन पश्चिमी नदियाँ—इंडस, झेलम और चिनाब—पाकिस्तान को दी गई थीं, जबकि तीन पूर्वी नदियाँ—रावी, ब्यास और सतलुज—भारत को आवंटित की गई थीं. हालांकि, संधि के अनुसार, दोनों देशों को कुछ सीमित जल प्रयोग की छूट भी दी गई है.

By Abhishek Pandey | May 10, 2025 7:59 PM
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Indus Waters Treaty: शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई को लेकर एक अहम सहमति बनी है. दोनों देशों ने जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की फायरिंग और सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला लिया है. यह निर्णय आज शाम 5 बजे से लागू होगा. इस संबंध में बातचीत की पहल पाकिस्तान ने की थी. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) के सूत्रों ने बताया कि इस समझौते से पहले या बाद में कोई विशेष शर्त नहीं रखी गई है. साथ ही, सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को फिलहाल स्थगित ही रखा जाएगा.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठाए गए कदम

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए थे. इन्हीं कदमों के तहत सिंधु जल संधि को भी अस्थायी रूप से रोका गया था.

क्या है सिंधु जल संधि?

साल 1960 में विश्व बैंक की मदद से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे. इस संधि के तहत तीन पश्चिमी नदियाँ—इंडस, झेलम और चिनाब—पाकिस्तान को दी गई थीं, जबकि तीन पूर्वी नदियाँ—रावी, ब्यास और सतलुज—भारत को आवंटित की गई थीं. हालांकि, संधि के अनुसार, दोनों देशों को कुछ सीमित जल प्रयोग की छूट भी दी गई है. संधि के तहत भारत को कुल जल प्रवाह का 20 प्रतिशत हिस्सा मिलता है, जबकि पाकिस्तान को 80 प्रतिशत.

ऑपरेशन सिंदूर और सैन्य प्रतिक्रिया

भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की थी, जिसका मकसद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था. यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में की गई थी. पाकिस्तान की तरफ से की गई बिना उकसावे वाली कार्रवाइयों का भारत ने सख्ती से जवाब दिया. आज दोपहर 3:30 बजे पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) ने भारत के DGMO को कॉल किया. बातचीत के दौरान दोनों देशों ने सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई और आदेश लागू करने के निर्देश जारी कर दिए गए. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि “दोनों देशों की सेनाओं को समझौते को लागू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं.” सोमवार दोपहर को दोनों देशों के डीजीएमओ एक बार फिर बातचीत करेंगे. यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था, और अब यह देखना होगा कि यह सहमति जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी साबित होती है.

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