पांच दिनों से जारी है ईरान और इजराइल की जंग
ईरान और इजराइल के बीच बीते पांच दिनों से युद्ध जारी है. दोनों देश 1000 किलोमीटर दूर से एक दूसरे पर मिसाइल और ड्रोन से हमला कर रहे हैं. मंगलवार को इजराइल ने ईरान पर हमले तेज कर दिए हैं. युद्ध के इन हालात के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान के लोगों को शहर खाली करने की चेतावनी दी है. ट्रंप ने कनाडा में जारी जी-7 शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर वाशिंगटन रवाना होने से पहले सोमवार रात को एक संदेश में लिखा “ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता.” उन्होंने अपने संदेश में कहा‘‘ सभी को तेहरान तत्काल खाली कर देना चाहिए.’’ इजराइल ने कहा है कि ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों, परमाणु वैज्ञानिकों, यूरेनियम संवर्धन स्थलों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर उसका व्यापक हमला ईरान को परमाणु हथियार बनाने के और करीब आने से रोकने के लिए जरूरी है. शुक्रवार से अब तक हुए हमलों में कम से कम 224 लोग मारे गए हैं.
ईरान कर रहा है जोरदार पलटवार
इजराइल के हमले के जवाब में ईरान भी जोरदार तरीके से पलटवार कर रहा है. ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इजराइल पर 370 से ज्यादा मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोनों से हमला किया है. ईरान के हमलों में अब तक इजराइल में 24 लोग मारे गए हैं और 500 से ज्यादा घायल हुए हैं. इजराइली सेना ने कहा कि मंगलवार को भी ईरान की तरफ से मिसाइलें दागी गई हैं. इस बीच ईरान की राजधानी में दुकानें बंद हैं और गैस के लिए कतारें लगी हैं. तेहरान का पुराना इलाका मंगलवार सुबह से ही खाली होने लगा और कई दुकानें बंद रहीं. शहर का पुराना ग्रैंड बाजार भी बंद रहा. ऐसा पहले सिर्फ़ सरकार विरोधी प्रदर्शनों या कोरोना वायरस महामारी के चरम पर ही हुआ था.
जी-7 छोड़ अमेरिका लौटे ट्रंप
ईरान और इजराइल में जारी जंग के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ अमेरिका लौट गए हैं. ट्रंप ने तेहरान के 95 लाख निवासियों से अपनी जान बचाने के लिए वहां से चले जाने का आग्रह किया है. इसके साथ ही उन्होंने ईरान के साथ परमाणु समझौता संभव होने की बात भी कही है. पांच दिनों से जारी मिसाइल हमलों से इजराइल ने ईरान को काफी नुकसान पहुंचाया है और उसे लगता है कि अब वह तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को स्थायी झटका दे सकता है.
उन्होंने ईरानी नेताओं पर अपने परमाणु कार्यक्रम पर किसी समझौते पर पहुंचने के लिए अनिच्छुक होने का आरोप लगाया और सुझाव दिया कि अब उनकी उनसे बातचीत करने में दिलचस्पी घट गई है.
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