चलिए आपको बता दें कि आखिर कैसे ये लॉन्च हुआ और कैसी तैयारी इसके लिए की गई है. ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV)-सी58 रॉकेट का यह 60वां अभियान है जब रॉकेट ने सैटेलाइट लॉन्च किया. इस 60वें अभियान पर प्रमुख पेलोड ‘एक्सपोसैट’ और 10 अन्य उपग्रह भी भेजा जा रहा है जिन्हें पृथ्वी की निचली ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा. चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित अंतरिक्ष केंद्र से नए साल के पहले दिन सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग हुई.
इसरो सूत्रों ने कहा, ‘‘पीएसएलवी-सी58 के लिए बीते दिन रविवार को सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर उलटी गिनती शुरू हो गई थी.’’ आपको बता दें कि एक्स-रे पोलरिमीटर सैटेलाइट’ (एक्सपोसैट) एक्स-रे स्रोत के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा. इसरो के अनुसार, यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है.
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अलावा अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने दिसंबर 2021 में सुपरनोवा विस्फोट के अवशेषों, ब्लैक होल से निकलने वाली कणों की धाराओं और अन्य खगोलीय घटनाओं का ऐसा ही अध्ययन किया था. इसरो ने कहा कि एक्स-रे ध्रुवीकरण का अंतरिक्ष आधारित अध्ययन अंतरराष्ट्रीय रूप से महत्वपूर्ण हो रहा है और इस संदर्भ में एक्सपोसैक्ट मिशन एक अहम भूमिका निभाएगा.