Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा, बताई यह बड़ी वजह

Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति के पद से जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया है. खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित एक पत्र में स्वास्थ्य संबंधी कारणों और चिकित्सा सलाह का हवाला देते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत अपने इस्तीफे की घोषणा की.

By Pritish Sahay | July 21, 2025 10:47 PM
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Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया है. खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देता हूं.’

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का जताया आभार

उन्होंने लिखा कि “मैं भारत के महामहिम माननीय राष्ट्रपति के प्रति उनके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद और अद्भुत कार्य संबंध के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. उन्होंने अपने पत्र में पीएम मोदी और मंत्रिपरिषद का भी जिक्र करते हुए कृतज्ञता व्यक्त की. धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है, उनसे काफी कुछ सीखा है. उन्होंने लिखा कि सभी माननीय संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है उसे वे सदा याद रखेंगे.

साल 2022 में संभाला था पद

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेज दिया और कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं. जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था. जगदीप धनखड़ का कार्यकाल 2027 तक था. वह राज्यसभा के सभापति भी हैं और उन्होंने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही इस्तीफा दे दिया.

कई बार विपक्ष से हुआ था टकराव

हाल में उनकी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एंजियोप्लास्टी हुई थी. राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने कार्यकाल में, धनखड़ का विपक्ष के साथ कई बार टकराव हुआ, जिसने उन पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव भी पेश किया था. उन्हें हटाने का प्रस्ताव, बाद में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था. यह प्रस्ताव स्वतंत्र भारत में किसी वर्तमान उपराष्ट्रपति को हटाने का पहला मामला था. धनखड़ पद पर रहते हुए इस्तीफा देने वाले दूसरे उपराष्ट्रपति हैं. इससे पहले वी वी गिरि ने 20 जुलाई, 1969 को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

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