Home Badi Khabar Jammu Kashmir: वापस लिया गया जम्मू से बाहर के नागरिकों को मतदाता बनाने का आदेश, जानिए क्या है पूरा मामला?

Jammu Kashmir: वापस लिया गया जम्मू से बाहर के नागरिकों को मतदाता बनाने का आदेश, जानिए क्या है पूरा मामला?

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Jammu Kashmir: वापस लिया गया जम्मू से बाहर के नागरिकों को मतदाता बनाने का आदेश, जानिए क्या है पूरा मामला?

Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में एक साल से अधिक समय से रह रहे नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल किए जाने का निर्णय वापस ले लिया गया है. प्रशासन ने इसके संबंध में जारी आदेश को देर रात वापस ले लिया है. यह मामला तूल पकड़ रहा था. हालांकि, इस खबर की पुष्टि जम्मू की जिला उपायुक्त या किसी अन्य अधिकारी के द्वारा नहीं की गयी है. न्यूज एजेंसी एएनआई की मानें तो एक साल से अधिक समय तक रहने वाले लोगों को मतदाता सूची में रखे जाने जाने के फैसले को उपायुक्त ने वापस ले लिया है.

जम्मू के जिला उपायुक्त अवनी लवासा ने जारी किया था आदेश

बता दें कि साल 2019 में अगस्त में हुए संवैधानिक बदलाव के बाद चुनाव आयोग ने 18 अगस्त को यह साफ कह दिया था कि जम्मू कश्मीर में बसा देश का कोई भी नागरिक मतदाता बन सकता है. जानकारी हो कि जम्मू के जिला उपायुक्त अवनी लवासा ने एक आदेश जारी कर कहा था कि एक साल पहले रहने वाला देश का कोई भी नागरिक बतौर मतदाता अपना पंजीकरण करा सकता है. साथ ही आदेश में लिखा हुआ था कि अगर नागरिक बेघर हो या उसके पास निर्धारित दस्तावेज नहीं हों तो भी उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज होगा.

आदेश के बाद से विरोध शुरू

जम्मू के जिला उपायुक्त के इस आदेश के बाद से ही सियासी गलियारों से बयान आने शुरू हो गए. इस आदेश के विरोध में पीडीपी सबसे ज्यादा हमलावर थी. पीडीपी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि बीजेपी जम्मू कश्मीर में आबादी के संतुलन को बदलना चाहती है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस आदेश के जम्मू में बाहर के लोगों का सैलाब आएगा. बीजेपी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि डोगरा पहचान और संस्कृति न सिर्फ चंद दिन की मेहमान है बल्कि रोजगार, कारोबार और हमारे संसाधनों पर भी डाका डाला जाएगा.

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कांग्रेस ने किया विरोध, बीजेपी मजबूती से खड़ी

डीसी के इस आदेश का नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस ने भी इसका जमकर विरोध किया. वहीं बीजेपी इसके पक्ष में मजबूती से खड़ी थी. इस आदेश पर बीजेपी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री प्रो. निर्मल सिंह ने कहा कि विरोध क्यों हो रहा है. उन्होंने कहा कि जो कानून देश भर में लागू है, वहीं कानून अगर यहां लागू किया जा रहा है तो परेशानी क्या आ रही है.

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