जम्मू कश्मीर में आतंकियों गतिविधियां काफी बढ़ गई है. सुरक्षा बलों ने शोपियां में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया. शोपियां मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों की अब पहचान की जा रही है. मुठभेड़ में आतंकियों के पास से हथियार और गोला-बारूद सहित कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुए हैं. इससे पहले सेना ने सोमवार को दो आतंकियों को ढेर कर दिया था. बता दें, टारगेट किलिंग के खिलाफ सेना सर्च अभियान चला रही है. इसी के तहत आतंकियों को ढेर कर दिया गया है. गौरतलब है कि इन दिनों घाटी में आतंकी काफी सक्रिय हो गए हैं. वो गैर मुस्लिमों को चुन चुनकर निशाना बना रहे हैं.
जाहिर है आतंकियों की बढ़ी गतिविधियां सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती तो है ही. घाटी के अंदर रह रहे इनके मददगार भी सुरक्षा बलों के लिए खासी परेशाना खड़े कर रहे हैं. कश्मीर में बड़ी संख्या में आतंकियों के मददगारों को सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया है. इनपर घाटी में हो रहे गैर मुस्लिमों की हत्या में आतंकियों की मदद का आरोप है. सुरक्षा बलों का कहना है हजारों की संख्या में कश्मीर में ऐसे लोग रह रहे हैं जो आतंकियों की मदद करते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आतंकियों के मददगार जो सतह पर रहकर आतंकियों के लिए काम कर रहे हैं. इनका नेटवर्क भी घाटी में काफी फैला हुआ है. ये आतंकियों को सुरक्षाबलों से उपस्थिति की सूचना भी देते हैं. वहीं, खुफिया एजेंसियों का भी कहना है कि घाटी में इनका नेटवर्क काफी मजबूत है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकियों को शह दिया जाता है. जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद इसमें और इजाफा हो गया है. ताजा रिपोर्ट है कि कश्मीर में बर्फबारी से पहले पाकिस्तान ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को घाटी में घुसपैठ कराने की फिराक में है. दरअसल, पाकिस्तान और आतंकियों का मकसद है कि वो जम्मू कश्मीर में गैर मुस्लिमों के बीच भय का माहौल बना दे. जिससे वो इलाके छोड़कर भाग जाए. और आतंकी अपने मंसूबे को अंजाब दे सकें.
पाकिस्तान के संरक्षण में पल रहे लश्कर-ए-ताइबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन समेत कई और आतंकियों के लड़ाके सामापार आने को तैयार है. इनका इरादा भारत खासकर जम्मू-कश्मीर में माहौल बिगाड़ने का है. वहीं, पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए इन्हें हथियार भी सप्लाई किया जाता है.
Posted by: Pritish Sahay