Jhalawar School Collapses : बच्चे बोले– सर छत गिरने वाली है, इसपर टीचर छात्रों को डांटने लगे

Jhalawar School Collapses : राजस्थान में स्कूल की छत गिरने वाली जगह के बाहर टीचर नाश्ता कर रहे थे. जब अंदर पत्थर गिरने लगे, तो बच्चों ने टीचर को बताया. हालांकि, एक छात्र के अनुसार, टीचर ने बच्चों को डांटा और उन्हें कक्षा में लौटने के लिए कहा. जानें हादसे के बाद क्या बोले स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे.

By Amitabh Kumar | July 26, 2025 7:03 AM
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Jhalawar School Collapses : राजस्थान के झालावाड़ में शुक्रवार सुबह एक प्राथमिक स्कूल की इमारत गिर गई. इस हादसे में सात छात्रों की जान गई. बच्चों ने जब क्लास के अंदर असामान्य चीजें देखीं तो उन्होंने टीचर को जानकारी दी. लेकिन टीचर, जो उस समय नाश्ता कर रहे थे, बच्चों की गंभीर चेतावनी को नजरअंदाज कर उन्हें क्लास में वापस जाने को कह दिया. इससे हादसे की भयावहता बढ़ गई. इस संबंध में इंडिया टुडे ने खबर प्रकाशित की है. एक छात्र ने बताया “पत्थर गिर रहे थे. जब छात्रों ने टीचर को बताया, तो उन्होंने डांटा और नाश्ता करना जारी रखा. अगर बच्चों को बाहर निकाल दिया जाता तो यह हादसा नहीं होता.”

छत बच्चों पर गिर गई, कई बच्चे भागने लगे: छात्र ने बताया

बताया जा रहा है कि टीचर उस जगह के बाहर नाश्ता कर रहे थे, जहां स्कूल की छत गिर गई. वही जगह जहां क्लास 1 से 8 तक के छात्र सुबह की सभा के लिए इकट्ठे हुए थे. एक आठवीं क्लास के छात्र ने बताया कि क्लास के बच्चे प्रार्थना के लिए अंदर बैठाए गए थे, जबकि टीचर नाश्ता कर रहे थे. जब अंदर से पत्थर गिरने लगे, तो बच्चों ने टीचर को बताया, लेकिन टीचर ने उन्हें डांटा. इसके बाद दीवार ढह गई और छत बच्चों पर गिर गई. कई बच्चे भागने लगे, लेकिन कई मलबे के नीचे दब गए. बाद में ग्रामीणों की मदद से बच्चों को बाहर निकाला गया.

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सूत्रों के अनुसार, स्कूल की दीवारें और छत जर्जर स्थिति में थीं. सिर्फ एक महीने पहले ही सीमेंट लगाया गया था और पुताई की गई थी.

पांच शिक्षकों को कर दिया गया निलंबित

घटना के तुरंत बाद, सात बच्चों की मौत और दर्जनों के घायल होने के कारण गंभीर लापरवाही के आरोप में पांच टीचर को निलंबित कर दिया गया. राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिंपलोड़ स्थित सरकारी हाई प्राइमरी स्कूल के कई छोटे बच्चे इस बात से अनजान थे कि उनके साथ इतना बड़ा हादसा हो जाएगा. अधिकारियों की इस लापरवाही से हादसा सभी के लिए बेहद दर्दनाक साबित हुआ. मलबे के नीचे दबे दर्जनों से अधिक बच्चों को ग्रामीणों ने बाहर निकाला. घायल बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया.

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