Justice Yashwant Varma: जस्टिस वर्मा की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है. पूर्व जस्टिस यशवंत वर्मा ने कैश-एट-रेजिडेंस मामले में इन हाउस जांच समिति की रिपोर्ट को चुनौती दी थी. अब इसके लिए एक स्पेशल बेंच का गठन किया जाएगा. हालांकि, इस सुनवाई का हिस्सा चीफ जस्टिस बीआर गवई हिस्सा नहीं रहेंगे.
जस्टिस वर्मा की तरफ से शामिल हुए ये वकील
चीफ जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष वर्मा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकीलों ने आग्रह किया कि मामले में संवैधानिक प्रश्न उठाए गए हैं और जल्द से जल्द एक पीठ का गठन आवश्यक है. सीनियर वकील कपिल सिब्बल, सिद्धार्थ अग्रवाल, मुकुल रोहतगी, राकेश द्विवेदी, सिद्धार्थ लूथरा और जॉर्ज पथन पूथिकोट सहित अन्य वकील वर्मा की ओर से पेश हुए.
कपिल सिब्बल ने जल्द सुनवाई की मांग की
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका का उल्लेख किया जिसमें इस मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की गई है. सिब्बल ने कहा कि यह उनके निष्कासन के संबंध में है. हम इसे जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने का अनुरोध कर रहे हैं.
Chief Justice of India BR Gavai states that the Supreme Court will take a call to assign a bench that will hear the matter. The CJI clarified that the matter may not be listed before him as he was part of the conversation over the Justice Varma controversy. https://t.co/HlK5S3Z3nF
— ANI (@ANI) July 23, 2025
याचिका में संवैधानिक मुद्दों को उठाया गया
CJI गवई ने यह स्पष्ट किया कि चूंकि वह पहले से ही इस विवाद पर चर्चा का हिस्सा रहे हैं, यह मामला उनके समक्ष सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता. हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह जल्द ही एक उपयुक्त पीठ के गठन पर फैसला करेंगे.
क्या है पूरा मामला?
- 14 मार्च की रात दिल्ली हाई कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लग गई थी.
- आग लगने के बाद कथित तौर पर करोड़ों रुपये नकद जलते हुए पाए गए.
- इस घटनाक्रम के बाद वर्मा से न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया और उन्हें उनके मूल उच्च न्यायालय इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित कर दिया गया.
- 22 मार्च को तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट में उन्हें दोषी ठहराया गया.
आगे की कार्रवाई
अब जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इन-हाउस जांच रिपोर्ट को चुनौती दी है और संवैधानिक प्रश्नों के समाधान की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट अब इस याचिका पर नवगठित विशेष पीठ के माध्यम से आगे सुनवाई करेगा.
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