एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के मंच से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाली अमूल्या लियोन को जमानत मिल गयी है. बेंगलुरु की एक अदालत ने उसे जमानत दी है. 20 फरवरी को उसे सीएए-एनआरसी विरोध रैली में नारा लगाने पर देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.गुरुवार को पहले अमुल्या की जमानत याचिका को सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी थी.
इसके बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे ‘डिफॉल्ट जमानत’ दे दी. टाइम्स नाऊ के मुताबिक, बेंगलुरु पुलिस को अमूल्या की गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी थी. लेकिन पुलिस 20 मई तक चार्जशीट दाखिल नहीं कर पायी. ऐसे में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे ‘डिफॉल्ट जमानत’ दे दी. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा कि जांच पूरी नहीं हुई है और जांच अधिकारी ने अभी तक आरोप-पत्र दाखिल नहीं किया है.
इससे पहले सेशन कोर्ट का कहना था कि अगर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो वह फरार हो सकती है या इस तरह के अपराध में संलिप्त हो सकती है, जिससे शांति व्यवस्था भंग होगी. बता दें कि 19 मई को हाई कोर्ट ने अमूल्या को जमानत नहीं दी थी.
बता दें कि अमूल्या ने ‘हिंदू-मुस्लिम सिख ईसाई फेडरशन’ की रैली में 20 फरवरी को सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे. अमूल्या जब ये नारे लगा रही थी तब मंच पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद थे. ओवैसी ने अमूल्या को नारे लगाने से रोकने की भी कोशिश की थी.
इस नाटकीय घटना के चलते ओवैसी और रैली के आयोजकों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था.तब कर्नाटक पुलिस ने छात्रा को गिरफ्तार करने के बाद यहां मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया था, जिन्होंने उसे राजद्रोह के आरोप में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
Posted By: Utpal kant