इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि किसी भी सरकारी कार्यालय या प्राधिकारी द्वारा पूर्व में दिए गए भूमि स्वामित्व परिवर्तन संबंधी निर्देशों को वापस लिया जाएगा. इसके साथ ही यह भी कहा गया कि उन जमीनों पर खेती करने वाले किसानों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री के आदेशानुसार, 7 नवंबर को भेजे गए नोटिस भी वापस ले लिए जाएंगे.
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कटारिया ने यह भी कहा कि जो अधिकारी इन निर्देशों के बावजूद नोटिस भेजेंगे, उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. यह आदेश कर्नाटक में 13 नवंबर को होने वाले तीन विधानसभा उपचुनावों से पहले जारी किया गया है.
इससे पहले विजयपुरा के किसानों ने आरोप लगाया था कि उन्हें जमीन खाली करने का नोटिस मिला था क्योंकि वक्फ बोर्ड ने उन पर अपना दावा जताया था. इसके बाद अन्य हिस्सों से भी ऐसी शिकायतें आईं. भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया था कि वक्फ मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने अधिकारियों को वक्फ बोर्ड के पक्ष में जमीन पंजीकरण का निर्देश दिया था, जिससे भ्रम की स्थिति बनी थी.
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