लॉकडाउन के बाद से 19 मई तक सड़क दुर्घटनाओं में 438 लोगों की मौत, जानें इसमें से कितने हैं प्रवासी मजदूर

lockdown migrant labour,road accident : देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का सड़कों पर हुजूम आपको भी नजर आता होगा. लेकिन घर पहुंचने से पहले बीच रास्ते में ही उनमें से कई को कभी वाहनों ने टक्कर मार दी, कभी उनके वाहन पलट गये या दो गाड़ियों के बीच टक्कर में उनकी मौत हो गयी, या कभी पटरियों पर रेलगाड़ी से कट कर मौत हो गयी. मंगलवार को भी इन प्रवासियों के लिए हादसों वाला दिन साबित हुआ.

By Amitabh Kumar | May 19, 2020 2:17 PM
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देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों का सड़कों पर हुजूम आपको भी नजर आता होगा. लेकिन घर पहुंचने से पहले बीच रास्ते में ही उनमें से कई को कभी वाहनों ने टक्कर मार दी, कभी उनके वाहन पलट गये या दो गाड़ियों के बीच टक्कर में उनकी मौत हो गयी, या कभी पटरियों पर रेलगाड़ी से कट कर मौत हो गयी. मंगलवार को भी इन प्रवासियों के लिए हादसों वाला दिन साबित हुआ. आज सुबह से तीन हादसों की खबर आयी है. पहली खबर महाराष्ट्र के सोलापुर से आयी जहां झारखंड आ रही बस के ड्राइवर समेत चार लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गयी है, जबकि 15 लोग घायल हैं.

मंगलवार को दूसरी खबर उत्तर प्रदेश के महोबा से आयी जहां एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. इस सड़क हादसे में 3 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी और 12 लोग घायल हो गये हैं. वहीं बिहार के भागलपुर में मंगलवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ. नवगछिया राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर अंभो गांव के समीप विपरीत दिशा से आ रहे ट्रक और बस के टक्कर में 9 लोगों की मौत हो गयी है. ये सभी मजदूर पूर्वी चंपारण के रहने वाले हैं.

देश में सड़क हादसों में कमी लाने पर काम कर रहे गैर-लाभकारी संगठन सेव लाइफ फाउंडेशन ने एक आंकडा सामने लाया है. इस संगठन के अनुसार 25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के बाद से 19 मई सुबह 11 बजे तक लगभग 1,246 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 438 लोगों की मौत हुई है और 902 लोग घायल हुए. अपने घरों को लौट रहे 167 प्रवासी, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले 29 लोग और 242 अन्य लोगों की मौत हुई. यहां आपको बताते चलें कि ये आंकड़े मीडिया में छप रहीं खबरों और सेव इंडिया फाउंडेशन द्वारा किये गये सत्यापन पर आधारित हैं.

औरेया सडक हादसा: बीते शनिवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे उत्तर प्रदेश के औरेया में राजमार्ग के निकट एक दुर्घटना हुई, जहां राजस्थान की ओर से आ रहा ट्रक दिल्ली की ओर से आ रहे डीसीएम वैन से टकरा गया. दुर्घटना में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गयी और 37 अन्य घायल हो गये थे. अधिकारियों के अनुसार मृतकों में अधिकतर लोग बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के निवासी से थे.

14 मई की दुर्घटना : बीते 14 मई की देर रात उत्तर प्रदेश के जालौन और बहराइच में दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में तीन प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी, जबकि 71 अन्य घायल हो गये थे.

13 और 14 मई के बीच: 13 और 14 मई को तीन अलग-अलग हादसों में 15 मजदूरों की मौत हुई थी. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक बस से कुचलकर छह प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी थी, वहीं चित्रकूट में ट्रक की टक्कर से एक मजदूर ने अपनी जान गंवा दी थी. इसी तरह मध्य प्रदेश में बस की टक्कर से ट्रक में सवार आठ प्रवासी श्रमिकों की मौत हुई थी.

मध्य प्रदेश के सागर में हुई दुर्घटना: मध्य प्रदेश के सागर में भी ऐसी ही दुर्घटना हुई, जब मजदूरों को महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जा रहा ट्रक सागर-कानपुर रोड पर पलट गया. इस दुर्घटना में छह श्रमिकों की जान गयी थी.

10 मई का हादसा : 10 मई को हैदराबाद से आम से लदे ट्रक पर सवार होकर यूपी लौट रहे छह प्रवासी मजदूरों की मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के पास मौत हो गयी थी.

9 मई का हादसा : 9 मई की सुबह मध्य प्रदेश के शहडोल और उमरिया जिलों के 16 प्रवासी श्रमिकों की मालगाड़ी से कटकर उस वक्त मौत हो गयी थी जब वे औरंगाबाद के पास एक रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे.

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