नयी दिल्ली : देश में लॉकडाउन खुलने की आहट के बीच केंद्र सरकार ने जरूरी तैयारियां शुरू कर दी है. इसी कड़ी में रेलवे ने समान ढोने के लिए व्यस्त पड़े मालगाड़ियों को जुटाना शुरू कर दिया है. रेलवे के इस कदम से देश के कोने-कोने में जरूरत का सामान पहुंचने लगेगा.
भारतीय रेलवे ने सीमेंट कंपनियों से कहा है कि वे अपना सामान मालगाड़ियों से उतार दें, ताकि उनका इस्तेमाल देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया जा सके. सूत्रों ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के साथ रेलवे अनाज पहुंचाने के लिए प्रतिदिन लगभग 50-60 रेक का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन मांग अधिक है.
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उन्होंने बताया कि इस समय सीमेंट की बोरियों से लदी लगभग 300 मालगाड़ियां खड़ी हैं और कोरोना वायरस महामारी के चलते निर्माण गतिविधियां बंद होने के कारण सीमेंट कंपनियां उन्हें उतारने की जल्दी में नहीं हैं.
अधिकारियों ने कहा कि रेलवे ने माल उतारने में देरी पर लगाने वाले शुल्क को माफ कर दिया है, इसलिए कंपनियों को माल नहीं उतारने पर कोई नुकसान नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘हमने उनसे कहा है कि अगर वे एक-दो दिनों में अपना माल नहीं उतारेंगे, तो हम उन पर शुल्क लगा देंगे.’
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अधिकारियों ने कहा कि देश में आवश्यक वस्तुओं की भारी मांग को देखते हुए और सड़क मार्ग से माल की आवाजाही बहुत कम होने के चलते इन मालगाड़ियों को फलों, सब्जियों, खाद्यान्नों, नमक और चीनी जैसी जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए मुक्त कराना जरूरी है. सूत्रों ने कहा कि रेलवे यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य के अधिकारियों के संपर्क में है कि उनकी मालगाड़ियों को समय पर रवाना किया जाए.
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