Lok Sabha Speaker: दिल्ली में लोगों को नयी सरकार से है बहुत अपेक्षा
दिल्ली विधान सभा के सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नवनिर्वाचित सदस्यों से लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिस्पर्धी भावना से विचारों और अनुभवों को साझा करना चाहिए. विधायकों को विधानसभा में ऐसे नये तरीके पेश करना चाहिए, जिससे लोगों की समस्याओं का हल निकले और उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान हो.
By Vinay Tiwari | March 18, 2025 6:11 PM
Lok Sabha Speaker: दिल्ली में बनी नयी सरकार से लोगों को बहुत अधिक अपेक्षाएं हैं. दिल्ली के जनप्रतिनिधि दिल्ली की जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं, लेकिन उनके कार्यों पर पूरे देश की नजर रहती है. ऐसे में दिल्ली के नवनिर्वाचित सदस्यों को आदर्श विधानसभा बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. मंगलवार को दिल्ली विधान सभा के सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह बात कही. उन्होंने सदस्यों से लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिस्पर्धी भावना से विचारों और अनुभवों को साझा करना चाहिए.
विधानसभा ही नहीं पूरी दिल्ली के विकास पर ध्यान दें सदस्य
विधायकों को विधानसभा में ऐसे नये विचार पेश करना चाहिए, जिससे लोगों की समस्याओं का हल निकले और उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान हो. दिल्ली से निकलने वाले समाधान न केवल दिल्ली के बल्कि देश के अन्य राज्यों और विधायी निकायों के लिए भी एक उदाहरण बनेंगे. सदस्यों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों तक सीमित रहकर सोचने के बजाय पूरी दिल्ली के विकास पर ध्यान देना चाहिए. यहां सभी राज्यों से विभिन्न भाषाओं, धर्मों और संस्कृतियों के लोग आते हैं और उनकी अलग-अलग आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा करना निर्वाचित प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है. इस प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली विधानसभा और लोकसभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा किया जा रहा है.
सदन के नियमों, प्रक्रियाओं और परंपराओं का पालन करना जरूरी
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करते समय लोकतांत्रिक भावना और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखना बेहद आवश्यक है. विधानमंडल को कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रभावी मंच बनाने के लिए टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग और सदस्यों के क्षमता निर्माण का काम करना चाहिए. सदन में किसी भी प्रकार का गतिरोध नहीं होना चाहिए. असहमति को गरिमापूर्ण ढंग से सार्थक संवाद के जरिये व्यक्त किया जाना चाहिए. स्वतंत्रता संग्राम तथा आधुनिक भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना के साथ जुड़े दिल्ली विधान सभा के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए अध्यक्ष ने सदस्यों से परंपराओं को कायम रखने तथा उन्हें और मजबूत बनाने को कहा.
अच्छे श्रोता भी बने जनप्रतिनिधि
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायकों का आचरण तथा विधान सभा में उनके काम की चर्चा देश की लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत बनाती हैं. जनप्रतिनिधियों को अच्छे श्रोता बनने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि सुनना भी उतना ही जरूरी है जितना अपनी बात कहना. लोकतंत्र का आधार संवाद और आम सहमति है, इसलिए संसदीय लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका सकारात्मक और रचनात्मक होनी चाहिए. इस मौके दिल्ली विधान सभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, दिल्ली की मुख्यमंत्री, रेखा गुप्ता; दिल्ली विधान सभा में विपक्ष की नेता आतिशी; दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट के अलावा केंद्रीय मंत्री, दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद और विधान सभा के सदस्य भी मौजूद थे.