सूचना मिलते ही गाजियाबाद पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आसपास के घरों को खाली करा लिया गया. दमकल कर्मियों ने करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया. राहत की बात यह है कि अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है. हालांकि, धमाकों के कारण इलाके में दहशत का माहौल रहा और सड़क पर यातायात भी बाधित हो गया.
लगातार हो रहे धमाकों से मुश्किल में दमकल कर्मी
चीफ फायर ऑफिसर राहुल कुमार के अनुसार, आग इतनी भयावह थी कि दमकलकर्मी ट्रक के करीब नहीं जा पा रहे थे. सिलेंडरों में विस्फोट की आवाजें कई किलोमीटर दूर तक सुनी गईं. घटनास्थल से 2-3 किलोमीटर दूर बनाए गए वीडियो में भी धमाकों की गूंज रिकॉर्ड हुई है. फिलहाल, आग लगने के सही कारणों का पता नहीं चल सका है और जांच जारी है.
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प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाई भयावह रात की कहानी
घटनास्थल के पास रहने वाले सचिन ने एएनआई को बताया कि सुबह करीब 3 से 3:30 बजे अचानक तेज धमाके सुनाई देने लगे, जिससे पूरा परिवार डरकर बच्चों के साथ घर से बाहर भागा. धमाकों के कारण आसपास की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा. लकड़ी के गोदाम के पास उनका घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. उनकी कार की खिड़कियां टूट गईं और छत की ग्रिल भी धमाकों से क्षतिग्रस्त हो गई.
एक अन्य स्थानीय निवासी संदीप ने बताया कि उनके घर की पहली मंजिल पर तीन गैस सिलेंडर गिरे. यह देखकर सभी हैरान थे कि सिलेंडर इतनी ऊंचाई तक कैसे पहुंचे. उनके घर के लिविंग रूम में सिलेंडर गिरने से भारी नुकसान हुआ. उन्होंने यह भी बताया कि इलाके में अवैध लकड़ी के गोदाम बने हुए हैं, जहां कोई सुरक्षा उपाय नहीं हैं. इस हादसे के कारण उनके परिवार के बच्चे काफी डरे हुए थे और वहां से निकलना भी मुश्किल हो गया था. भगवान की कृपा से इस भीषण घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इस हादसे ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है. प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
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