राहुल गांधी ने कथित तौर पर दिसंबर 2022 में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह कहा था कि “चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना के जवानों को पीट रहे हैं.” उनका यह बयान केंद्र सरकार की नीतियों और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की गतिविधियों पर सवाल उठाने के संदर्भ में था. हालांकि, उनकी इस टिप्पणी पर काफी विवाद हुआ और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे राष्ट्रविरोधी बताया. भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी और उनके परिवार पर चीन से वित्तीय सहायता और आतिथ्य लेने के आरोप भी लगाए, जिसका उन्होंने विरोध किया. बावजूद इसके, राहुल गांधी ने चीन से जुड़े मुद्दों पर सरकार को लगातार घेरना जारी रखा.
यह भी पढ़ें: तगड़ा झटका जसप्रीत बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाना चाहता था अमेरिका, बहुत बड़ा खुलासा
यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी अपने बयानों को लेकर कानूनी संकट में फंसे हैं. इससे पहले मार्च 2023 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के चलते उन्हें गुजरात की एक अदालत ने दोषी ठहराया था. इस मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके कारण उन्हें कुछ समय के लिए संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें राहत दी. शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अगर उन्हें एक दिन भी कम सजा मिली होती, तो वह संसद सदस्यता के अयोग्य नहीं ठहराए जाते. अब लखनऊ एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहे मानहानि मामले में उनकी अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी. इस कानूनी कार्रवाई से यह साफ है कि उनके बयानों पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.
यह भी पढ़ें: आज स्कूल-बैंक और मांस-शराब की दुकानें बंंद, जानें कारण
यह भी पढ़ें: अगले 48 घंटे 7 राज्यों में भारी बारिश-आंधी और तूफान का हाई अलर्ट