Mahakumbh Stampede: मौनी अमावस्या पर सीएम योगी की अपील, आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक करें स्नान

Mahakumbh Stampede: सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है. उन्होंने कहा है कि श्रद्धालुगण मां गंगा के जिस भी घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें.

By Radheshyam Kushwaha | January 29, 2025 1:04 PM
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Mahakumbh Stampede: मौनी अमावस्या पर प्रयागराज सनातनियों का महासागर बन चुका है. संगम में पवित्र डुबकी की आस लिए महाकुम्भ क्षेत्र में करीब 10 करोड़ तीर्थ यात्री पहुंचे हैं. महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रमुख संतों ने अपील जारी की है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि श्रद्धालुगण मां गंगा के जिस भी घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें. स्नानार्थियों के लिए कई घाट बनाए गये हैं, जहां सुविधाजनक रूप से स्नान किया जा सकता है. उन्होंने सभी से मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है. सीएम योगी ने सभी से अपील की है कि वह किसी भी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान न दें.

संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें

सीएम योगी के साथ ही धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है. स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें. लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें. अपनी और एक दूसरे की सुरक्षा करें. उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया.

आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक स्नान करें

बाबा रामदेव ने कहा है कि करोड़ों श्रद्धालुओं के इस हुजूम को देखते हुए हमने फिलहाल केवल सांकेतिक स्नान किया है. इसके साथ ही समूचे राष्ट्र और विश्व के कल्याण की कामना की गई है. उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हम भक्ति के अतिरेक में न बहें और आत्म अनुशासन का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक स्नान करें. वहीं जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने भी कहा कि हमने फिलहाल सांकेतिक स्नान किया है.

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श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी ने बताया कि इस वक्त 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में हैं, इतनी बड़ी तादाद में भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल होता है. हमारे साथ लाखों की संख्या में संतों का हुजूम है. हमारे लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है.

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