India Maldives Relations: मालदीव में भारत के उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि मालदीव में भारतीय विमानन मंचों ने हमेशा सहमत प्रक्रियाओं और उचित प्राधिकार के साथ संचालन किया है. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की मांग के अनुसार भारत द्वारा मालदीव से 76 सैन्य कर्मियों की वापसी की प्रक्रिया पूरी किए जाने के कुछ दिनों बाद यह स्पष्टीकरण दिया गया है. चीन समर्थक नेता मुइज्जू के पिछले साल नवंबर में सत्ता में आने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंध खराब हो गए.
मुइज्जू सरकार ने भारतीय सैन्य टुकड़ियों की वापसी के लिए 10 मई किया था निर्धारित
मुइज्जू सरकार ने अपने देश से भारतीय सैन्य टुकड़ियों की वापसी के लिए 10 मई की समय सीमा तय की थी. रक्षा मंत्री घासन ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उन्हें विमानन मंचों में से एक के अनधिकृत उड़ान भरने के बारे में पता था. उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मालदीव में भारतीय सैन्य कर्मियों द्वारा संचालित दो हेलीकॉप्टर में से एक कथित तौर पर बिना अनुमति के थिमाराफुशी में उतरा और इस मामले की राष्ट्रीय सुरक्षा सेवाओं पर संसद की समिति (241 समिति) ने जांच की थी.
In response to a media query on remarks made at the Government of Maldives' Press Conference on 11 May 2024, wherein an alleged unauthorized landing by Indian ALH platform was mentioned: Indian aviation platforms in the Maldives have always operated as per agreed procedures and… pic.twitter.com/oURh9uvcsA
— ANI (@ANI) May 14, 2024
मालदीव के आरोप को भारत ने किया खारिज
भारतीय मिशन ने मालदीव के आरोपों को खारिज किया है. भारतीय उच्चायोग ने कहा, मालदीव में भारतीय विमानन मंचों ने हमेशा सहमत प्रक्रियाओं के अनुसार और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) से उचित अनुमति लेकर संचालन किया है. उच्चायोग ने मालदीव के रक्षा मंत्री की टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब नौ अक्टूबर, 2019 को थिमाराफुशी में आपातकालीन स्थिति में हेलीकॉप्टर को उतारा गया था, उस विशेष घटना के समय अप्रत्याशित स्थिति के कारण ऐसा करना अनिवार्य हो गया था.
उड़ान के लिए ली गई थी एमएनडीएफ की मंजूरी
उच्चायोग ने कहा, प्रेस कॉन्फ्रेंस में नौ अक्टूबर 2019 की जिस विशिष्ट उड़ान की बात की गई, उसके लिए भी एमएनडीएफ की मंजूरी ली गई थी. उच्चायोग ने कहा, अप्रत्याशित परिस्थिति के कारण थिमाराफुशी में विमान को आपात स्थिति में उतारना आवश्यक हो गया था और ऐसा हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) से आवश्यक मंजूरी लेने के बाद किया गया था ताकि मंच और चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
मालदीव के पास भारत द्वारा दान में दिए गए हेलीकॉप्टर को उड़ाने वाला पायलट भी नहीं
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एमएनडीएफ ने 11 मई को खुलासा किया था कि भारत सरकार द्वारा मालदीव को उपहार में दिए गए हेलीकॉप्टर का संचालन कर रहे भारतीय सैन्यकर्मियों ने पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के प्रशासन के दौरान मालदीव की सेना को सूचित किए बिना हेलीकॉप्टर से उड़ान भरी थी. रक्षा मंत्री घासन ने इसी संवाददाता सम्मेलन में यह भी स्वीकार किया था कि मालदीव की सेना के पास भारत द्वारा दान में दिए गए तीन विमानों को उड़ाने के लिए सक्षम पायलट नहीं हैं.
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