Monsoon 2025 : इस बार मानसून जल्दी दस्तक देगा. इसके संकेत मिलने लगे हैं. दरअसल, मौसम विभाग (आईएमडी) ने जानकारी दी है कि मानसून बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग और निकोबार द्वीप समूह तक पहुंच चुका है. तीन से चार दिन में और प्रगति की संभावना नजर आ रही है.
मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल
मौसम विभाग ने कहा कि अगले तीन से चार दिनों में दक्षिण अरब सागर, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के अधिकतर भाग, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के अधिकतर क्षेत्रों, संपूर्ण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अंडमान सागर के शेष भागों और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.
मौसम विभाग ने कहा कि पिछले दो दिनों में निकोबार द्वीपसमूह में मध्यम से भारी वर्षा हुई. इस अवधि में बंगाल की खाड़ी के दक्षिण, निकोबार द्वीप समूह और अंडमान सागर के ऊपर पछुआ हवाओं के प्रभाव में वृद्धि हुई है. समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर हवा की गति 20 समुद्री मील से अधिक हो गई है और कुछ क्षेत्रों में यह 4.5 किलोमीटर तक बढ़ गई है.
मौसम विभाग ने और क्या दी जानकारी
आईएमडी ने बताया कि ‘आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन’ (ओएलआर) भी इस क्षेत्र में कम हुआ है जो बादल छाए रहने का सूचक है. ओएलआर पृथ्वी से अंतरिक्ष में निकलने वाली विकिरण ऊर्जा का एक माप है, विशेष रूप से लंबी तरंग दैर्ध्य (जैसे कि इंफ्रारेड) पर. यह पृथ्वी की सतह और वायुमंडल द्वारा उत्सर्जित होती है. इसे उत्सर्जित स्थलीय विकिरण भी कहा जाता है. मौसम विभाग ने कहा कि ये स्थितियां इस क्षेत्र में मानसून के आगमन के लिए मानदंड को पूरा करती हैं.
मानसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना
इससे पहले मौसम विभाग ने बताया था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना है, जो आमतौर पर एक जून को दस्तक देता है. IMD के अनुसार, यदि इस साल मानसून केरल में समय से पहले पहुंचता है, तो यह 2009 के बाद पहली बार होगा जब मानसून भारतीय मुख्य भूमि पर जल्दी पहुंचेगा. 2009 में मानसून ने 23 मई को दस्तक दी थी. भारत में मानसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा तब होती है जब वह केरल पहुंचता है, जो आमतौर पर एक जून के आसपास होता है. दक्षिण-पश्चिम मानसून 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है और फिर 17 सितंबर से उत्तर-पश्चिम भारत से धीरे-धीरे लौटने लगता है, जो 15 अक्टूबर तक पूरा हो जाता है.
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