Murshidabad Violence : हथियारबंद गिरोह आया और…, लोगों ने बताया क्या हुआ हिंसा वाले दिन

Murshidabad Violence : मुर्शिदाबाद हिंसा प्रभावित इलाकों मे तबाही का मंजर दिख रहा है. यहां सुरक्षा बल अलर्ट मोड पर है. भारी हथियारों से लैस केंद्रीय बलों ने पुलिस और त्चरित कार्रवाई बल (आरएएफ) कर्मियों के साथ मिलकर मार्च किया. हिंसा के बाद जो लोग बता रहे हैं उसे सुनकर हर कोई सदमे में है. देखें वीडियो.

By Amitabh Kumar | April 14, 2025 6:33 AM

Murshidabad Violence : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा देखने को मिली. यहां बर्बादी का मंजर रविवार को भी सड़कों पर जली हुई गाड़ियों, लूटे गये शॉपिंग मॉल और फार्मेसी में तोड़फोड़ के रूप में देखने को मिला. मुर्शिदाबाद में रविवार को सड़कें सुनसान रहीं, दुकानें बंद रहीं और लोग घरों के अंदर ही रहे. पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बल धूलिया, शमशेरगंज और सुती क्षेत्रों के संवेदनशील इलाकों में गश्त कर रहे हैं, जहां पिछले दो दिनों से हिंसा जारी थी.

हथियारबंद गिरोह सामने और मचाने लगा तांडव

मीडिया की टीम जब धुलियान में गई तब कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें एक क्षतिग्रस्त इमारत के भीतर बम के छर्रे तथा फर्नीचर की राख दिखाई, जिन्हें उपद्रवियों ने जमा कर आग लगा दी थी. एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, ‘‘हम अचंभित रह गए, क्योंकि अचानक सैकड़ों लोगों का एक हथियारबंद गिरोह सामने आ गया. वे खून के प्यासे थे और चिल्ला रहे थे कि हमारे समुदाय के किसी भी सदस्य को इस क्षेत्र में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि हम अधिनियम के माध्यम से वक्फ भूमि को छीनने की साजिश में सहयोग कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने जब उनसे गुहार लगाई, तो उन्होंने हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन कई बम धमाके किये. मौके से भागने से पहले संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. पुलिस काफी देर बाद पहुंची.’’

ऐसा तांडव कभी नहीं देखा, दवा की दुकान का मालिक बोला

सुती में एक दवा की दुकान का मालिक गश्त कर रहे जवानों से आश्वासन मिलने के बाद अपनी दुकान में हुए नुकसान का आकलन कर रहा था. उसने बताया,‘‘मैं यहां 50 साल से रह रहा हूं, लेकिन ऐसा तांडव कभी नहीं देखा. एक उन्मादी भीड़ अचानक मेरी दुकान की ओर मुड़ी और इससे पहले कि मैं और मेरे कर्मचारी कुछ कर पाते, वे परिसर में घुस गए, हमारी पिटाई की और दुकान में लूटपाट शुरू कर दी. जब उत्पात जारी रहा, तो हम मौके से भाग गए.’’

विनाश का ऐसा ही मंजर सुती, शमशेरगंज और धुलियान में भी देखने को मिला. ऐसा लग रहा था जैसे युद्धक्षेत्र हो, क्योंकि भारी हथियारों से लैस केंद्रीय बलों ने पुलिस और त्चरित कार्रवाई बल (आरएएफ) कर्मियों के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग और आसपास की गलियों में मार्च किया. सुरक्षाकर्मियों को स्थानीय लोगों से अपने घरों और संपत्तियों के सामने जमा पत्थरों, कंक्रीट के टुकड़ों और ईंटों को हटाने के लिए कहते देखा गया.

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