Naxalism: अब देश में सिर्फ 38 जिलों तक सिमट गया है नक्सलवाद

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय लोकसभा कहा कि सुरक्षा के मोर्चे पर केंद्र ने नक्सल प्रभावित राज्यों को पुलिस के आधुनिकीकरण और क्षमता विकास के लिए मदद दी. हथियार और उपकरण, खुफिया जानकारी साझा करने, फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन के निर्माण के लिए फंड मुहैया कराया, जिसके कारण नक्सली हिंसा में काफी कमी आयी है.

By Anjani Kumar Singh | March 18, 2025 5:57 PM
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Naxalism: देश में नक्सली हिंसा के मामले में काफी कमी आयी है. नक्सल समस्या के समग्र समाधान के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को मंजूरी दी. इसके तहत नक्सल समस्या से निपटने के लिए व्यापक रणनीति पर काम शुरू किया गया. सुरक्षा संबंधी उपायों को मजबूत करने, विकास के काम को गति देने और स्थानीय समुदाय के अधिकार को सुनिश्चित करने का काम शुरू किया गया. सुरक्षा के मोर्चे पर केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित राज्यों को पुलिस के आधुनिकीकरण और क्षमता विकास के लिए मदद दी. इसके अलावा हथियार और उपकरण, खुफिया जानकारी साझा करने, फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन के निर्माण के लिए फंड मुहैया कराया.

पिछले 10 वर्षों में 3260 करोड़ रुपये से ज्यादा जारी


समस्या से निपटने के लिए राज्यों को केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के बटालियन दी गयी. सुरक्षा संबंधी खर्च योजना के तहत सुरक्षाबलों के ऑपरेशनल और ट्रेनिंग जरूरतों के लिए फंड, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास, सामुदायिक पुलिसिंग, ग्रामीण सुरक्षा कमेटी और प्रचार माध्यमों पर होने वाला खर्च केंद्र सरकार देती है. इस मद में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2024-25 के दौरान 3260.37 करोड़ रुपये जारी किया गया. वहीं स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम के तहत राज्यों के खुफिया तंत्र, विशेष बल, जिला पुलिस और फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन को मजबूत करने के लिए दिया जाता है.

इस योजना के तहत 1741 करोड़ रुपये का आवंटन किया जा चुका है. कुल 621 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन में से 221 स्टेशन का निर्माण इस योजना के तहत किया गया है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर करना, हेलीकॉप्टर मुहैया कराने के लिए वर्ष 2014-15 से वर्ष 2024-25 के दौरान केंद्रीय एजेंसियों को 1120.32 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया. 

विकास योजनाओं को दी गयी गति


नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के अलावा केंद्र सरकार ने कई विशेष कदम उठाए. इसके तहत रोड टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क, कौशल विकास, वित्तीय समग्रता को प्राथमिकता दी गयी. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 14607 किलोमीटर सड़क का निर्माण, 7768 मोबाइल टावर लगाया गया. इसके अलावा कौशल विकास के लिए 46 औद्योगिक ट्रेनिंग संस्थान और 49 कौशल विकास केंद्र शुरू हुआ. छात्रों को गुणवत्ता वाली शिक्षा मुहैया कराने के लिए आदिवासी बहुल क्षेत्रों में 178 एकलव्य मॉडल स्कूल खोला गया. वित्तीय समावेशन के लिए नक्सल प्रभावित जिलों में 5731 पोस्ट ऑफिस बैंकिंग सुविधा के साथ खोला गया. साथ ही 1007 बैंक के ब्रांच, 937 एटीएम और 37850 बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट को शुरू किया गया. 


पिछले 10 सालों में नक्सली हिंसा में 65 फीसदी से ज्यादा की कमी 

विकास को प्राथमिकता देने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए वर्ष 2017 के बाद से 3563 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया. योजना के बेहतर क्रियान्वयन के कारण नक्सली हिंसा में कमी आयी है. वर्ष 2010 में नक्सली हिंसा के 1936 मामले सामने आये थे, जो वर्ष 2024 में कम होकर 374 हो गया. यानी इस दौरान नक्सली हिंसा में 81 फीसदी और मौत में 85 फीसदी की कमी दर्ज की गयी. पिछले 10 साल में नक्सली हिंसा के मामले में 65.7 फीसदी और मौत के मामले में 52 फीसदी की कमी आयी है. यही नहीं नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 38 हो गयी है. 

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