NHAI ने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के निर्देश पर मामले की जांच की गई, जिसके बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं. निर्माण में खामियों को समय पर ठीक न करने के कारण ठेकेदार पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसके अलावा, लापरवाही के चलते अथॉरिटी इंजीनियर के टीम लीडर और रेजिडेंट इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया गया, और साइट इंजीनियर को भी टर्मिनेट किया गया है.
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संबंधित प्रोजेक्ट डायरेक्टर और मैनेजर (टेक्निकल) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जांच के बाद पुष्टि हुई कि यह वीडियो दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे का है, जिसे अलवर में सुपर एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है. इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं, और अलवर व दौसा क्षेत्र में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं, जिनका मुख्य कारण सड़क की ऊंचाई-नीचाई, बैलेंस की कमी और गड्ढे हैं. इसके अलावा, सड़क पर बारीक गिट्टी और जगह-जगह पानी जमा होने से भी समस्याएं हो रही हैं.
आईआईटी ने भी एक्सप्रेसवे पर बढ़ती दुर्घटनाओं का अध्ययन किया था, और एनएचएआई ने वाहनों की अधिक गति को नियंत्रित करने के लिए ऑनलाइन चालान की प्रक्रिया शुरू की है. इस एक्सप्रेसवे पर कुछ लोग 280 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां चला रहे हैं, जबकि अधिकतम सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटे की है.
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वायरल वीडियो अलवर क्षेत्र का बताया गया है, जिसमें एक तेज रफ्तार गाड़ी सड़क की बैलेंसिंग की कमी के कारण हवा में उछलती हुई दिखाई दी. NHAI के सोहना क्षेत्र के पीडी पीके कौशिक ने कहा कि बारिश के कारण गड्ढे बनते हैं, जिन्हें समय पर ठीक किया जा रहा है. अलवर क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है, और सड़क की मरम्मत का काम जारी है.