Watch Video: भारत के 6 फाइटर जेट को मार गिराने का दावा गलत, CDS ने खोल दी पाकिस्तान की पोल
Operation Sindoor: भारत-पाकिस्तान के बीच बीते दिनों हुए संघर्ष पर भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने भारतीय फाइटर जेट को मार गिराने के पाकिस्तानी दावे पर भी पहली बार जवाब दिया है.
By ArbindKumar Mishra | May 31, 2025 4:32 PM
Operation Sindoor: भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने भारतीय जेट को मार गिराये जाने के दावे पर भी जवाब दिया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 6 भारतीय विमानों को मार गिराने के पाकिस्तान के दावे के बारे में पूछे जाने पर जनरल चौहान ने कहा, “यह पूरी तरह से गलत है.” सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग में भाग लेने के दौरान शनिवार को ब्लूमबर्ग टीवी से बात करते हुए सीडीएस अनिल चौहान ने कहा, “महत्वपूर्ण बात यह नहीं है कि विमान मार गिराए गए, बल्कि यह है कि उन्हें क्यों मार गिराया गया. क्या गलतियां हुईं, ये बातें महत्वपूर्ण हैं. भारत के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) अनिल चौहान रविवार तक आयोजित होने वाली 22वीं शांगरी ला वार्ता में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर में हैं.
Bloomberg: Pakistan downed Indian jet? CDS Chauhan: I think what is impt is, not the jet being downed, but why they were down? good part is, we are able to understand, the tactical mistake.. rectify it..
सीडीएस चौहान ने कहा, “अच्छी बात यह है कि हम अपनी सामरिक गलती को समझ पाए, उसका समाधान किया, उसे सुधारा और फिर दो दिन बाद उसे फिर से लागू किया तथा लंबी दूरी पर निशाना साधते हुए अपने सभी जेट विमानों को फिर से उड़ाया.”
नुकसान लड़ाई का एक हिस्सा
इससे पहले, भारतीय वायुसेना के वायु संचालन महानिदेशक, एयर मार्शल ए के भारती ने स्वीकार किया था कि नुकसान लड़ाई का एक हिस्सा है. उन्होंने यह भी कहा था कि भारतीय वायुसेना के सभी पायलट सुरक्षित घर लौट आए हैं. एयर मार्शल भारती ने 11 मई को प्रेस वार्ता में यह टिप्पणी की थी, जब उनसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत के विमानों के नुकसान के बारे में पूछा गया था.
शांगरी ला वार्ता सबसे बड़े रक्षा मंचों में से एक
शांगरी ला वार्ता को सबसे बड़े रक्षा मंचों में से एक माना जाता है. इस कार्यक्रम में 40 मंत्री-स्तरीय प्रतिनिधियों सहित 47 देशों के रक्षा विशेषज्ञों के भाग लेने की उम्मीद है. ‘स्ट्रेट टाइम्स’ समाचार पत्र के अनुसार, 2019 के बाद यह पहली बार है जब चीन अपने रक्षा मंत्री को इस मंच में नहीं भेज रहा है.