नयी दिल्ली : रविवार को उच्च सदन में कृषि से संबंधित दो विधेयकों के पारित होने के बाद कांग्रेस ने देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. संसद के अंदर विरोध प्रदर्शन कर रहे आठ सांसदों को निलंबित किया गया है. जिसमें कांग्रेस के भी सांसद है. कृषि बिल के विरोध में कांग्रेस ने देशव्यापी प्रदर्शन का कार्यक्रम तय किया है. सोमवार को एक बैठक में चरणबद्ध कार्यक्रम तय किया गया है.
इसके बारे में जानकारी देते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस सरकार के इस काले कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगी. यह कई चरणों में होगा. 22 सितंबर से 14 नवंबर तक कांग्रेस देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित कल गरीब और किसानों को सरकार की मंशा बतायेगी. उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपे जायेंगे. गरीबों किसानों के हस्ताक्षर लेकर राष्ट्रपति को सौंपा जायेगा.
सुरजेवाला ने कहा कि खेत और खलिहानों में मजदूरों और किसानों की आजीविका छीनी जा रही है और संसद के अंदर मजदूरों और किसानों के नुमाइंदों की आवाज दबाई जा रही है. सड़कों पर किसान को लाठियों से पीटकर प्रजातंत्र का गला घोंटा जा रहा है. नरेंद्र मोदी की सरकार बंदी सरकार बन गयी है. पहले नोटबंदी की उसके बाद जीएसटी लाकर व्यापार बंदी की. उसके बाद लॉकडाउन लगाकर देशबंदी की और अब काला कानून लाकर खेत और खलिहान बंदी कर रही है.
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कांग्रेस का कार्यक्रम
सुरजेवाला ने बताया कि आज की बैठक में निर्णय किया गया है. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के मार्गदर्शन में कांग्रेस ने देशभर में एक व्यापक जन आंदोलन की तैयारी की है. इसके कई चरण होंगे.
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21 सितंबर से अगले 72 घंटे तक कांग्रेस के नेता हर स्टेट हेडक्वार्टर में प्रेस वार्ता कर मोदी सरकार के ढोल की पोल खोलेंगे.
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28 सितंबर तक राज्य के राज्यपालों को कांग्रेस के प्रमुख नेता एक प्रोटेस्ट मार्च निकालकर ज्ञापन सौंपेंगे. यह मार्च महात्मा गांधी की प्रतिमा से शुरू होकर राजभवन पहुंचेगी और काला कानून वापस लेने की मांग करेंगे.
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2 अक्टूबर तक सभी जिलों में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन करेंगे और काले कानून के खिलाफ स्थानीय पदाधिकारी को ज्ञापन देंगे.
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10 अक्टूबर को सभी राज्य में किसानों का बड़ा सम्मेलन बुलाया जायेगा. इसमें सरकार की दमनकारी नीति के बारे में गरीबों और किसानों को बताया जायेगा.
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2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक कांग्रेस हर गांव जाकर किसान विरोधी इस काले कानून के खिलाफ 2 करोड़ दस्तखत एकत्र करेगी और 14 नवंबर को राष्ट्रपति को सौंपकर कानून को निरस्त करने की मांग करेगी.
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस की तीन मांग है. पहला न्यूनतम समर्थन मूल्य. दूसरा कृषि उपज खरीद प्रणाली और तीसरा राशन की दुकान पर गरीब को राशन देना. इन तीनों पर हमला बोलकर मोदी ने गरीबों की पेट पर हमला बोला है. कांग्रेस ने हमेशा देश के लिए कुर्बानी दी है. आज एक बार फिर देश के गरीबों और किसानों के लिए लड़ाई लड़ेगी.
Posted by: Amlesh Nandan.
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