राष्ट्रपति चुनाव : दिल्ली में शरद पवार के घर पर विपक्षी नेताओं की बैठक, संयुक्त उम्मीदवार के नाम पर चर्चा
राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष की ओर से अभी तक उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगी है. आज विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार के नाम पर चर्चा करने के लिए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर 17 विपक्षी पार्टियों की बैठक आयोजित की जा रही है.
By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2022 11:07 AM
नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की ओर से संयुक्त उम्मीदवार के चयन के लिए मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर 17 पार्टियों की बैठक शुरू होने जा रही है. इस बैठक में कांग्रेस, एनसीपी, एआईएमआईएम, टीएमसी, भाकपा, माकपा, सपा समेत कई दलों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है. इससे पहले ममता बनर्जी की अपील पर दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशनल क्लब में हुई बैठक बेनतीजा ही खत्म हो गई थी. हालांकि, इस बैठक में टीएमसी की ओर से ममता बनर्जी शामिल नहीं हो रही हैं. उनके स्थान पर उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के शामिल होने की उम्मीद है.
फारूख अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी ने किया इनकार
हालांकि, इससे पहले राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के तीन संभावित उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के इनकार के बाद सोमवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने भी आगामी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया. मंगलवार को 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक की अध्यक्षता एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार करेंगे.
टीएमसी ने यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाने का दिया सुझाव
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक वरिष्ठ नेता ने कोलकाता में कहा कि कुछ विपक्षी दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार बनाने का सुझाव दिया है. महात्मा गांधी के परपोते और सी राजगोपालाचारी के परनाती गोपालकृष्ण गांधी (77) ने एक बयान में कहा कि विपक्षी दलों के कई नेताओं ने राष्ट्रपति पद के आगामी चुनाव में विपक्ष का उम्मीदवार बनने के लिए उनके नाम पर विचार किया, जो उनके लिए सम्मान की बात है.
बता दें कि इससे पहले, विपक्षी दलों के नेताओं ने 15 जून को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशनल क्लब में बैठक की थी, जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों के रूप में पवार और अब्दुल्ला के नामों का प्रस्ताव रखा था. शरद पवार ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि वह आम लोगों की भलाई के लिए अपनी सेवा जारी रखते हुए खुश हैं. वहीं, अब्दुल्ला ने अनिच्छा जाहिर करते हुए कहा था कि वह केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू कश्मीर) को वर्तमान महत्वपूर्ण मोड़ से आगे बढ़ाने में योगदान देना चाहते हैं. विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार का चयन एक कठिन कदम है क्योंकि क्षेत्रीय दलों के विविध विचारों से आम सहमति तक पहुंचना मुश्किल है.