jammu Kashmir: हम देश विरोधी नहीं, हमारा लक्ष्य अधिकारों की वापसी : फारुक अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को दोबारा लागू करने की मांग को लेकर राजनीतिक पार्टियां पूरा जोर लगा रही हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारुक अब्दुल्ला ने कहा, यह देशी विरोधी जमात नहीं है हमारा लक्ष्य जम्मू कश्मीर के और लद्दाख के अधिकार को दोबारा प्राप्त करना है. हमें धर्म और जाति के नाम पर तोड़ने वाले हारेंगे. jammu kashmir news farooq abdullah on article 370farooq abdullah latest news in hindi

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2020 4:52 PM
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जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को दोबारा लागू करने की मांग को लेकर राजनीतिक पार्टियां पूरा जोर लगा रही हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारुक अब्दुल्ला ने कहा, यह देशी विरोधी जमात नहीं है हमारा लक्ष्य जम्मू कश्मीर के और लद्दाख के अधिकार को दोबारा प्राप्त करना है. हमें धर्म और जाति के नाम पर तोड़ने वाले हारेंगे. यह कोई धार्मिक लड़ाई नहीं है. फारुक अब्दुल्ला ने यह बातें गुपकार घोषणा के दौरान कई राजनीतिक दलों के साथ हुई श्रीनगर की बैठक में कही.

जम्मू कश्मीर की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस शामिल है. दोनों पार्टियां इस मुद्दे पर साथ हैं औऱ जम्मू कश्मीर में दोबारा पुराने अधिकार की मांग तेज कर रही हैं. महबूबा मुफ्ती ने इस मांग को लेकर भाजपा पर निशाना साधा. अपने बयान में महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के झंडे के अलावा कोई और झंडा उठाने से इनकार कर दिया था. महबूबा के इस बयान को लेकर खूब बवाल मचा. महबूबा ने अपनी टेबल पर जम्मू-कश्मीर के झंडे के साथ पार्टी का झंडा रखा हुआ था. जबकि अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही पूरे जम्मू-कश्मीर में सिर्फ तिरंगा फहराने की अनुमति है.

जम्मू कश्मीर में दोबारा अनुच्छेद 370 लागू कराने को लेकर नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने राजनीतिक दलों को एक करने की कोशिश की इस गठबंधन को People’s Alliance का नाम दिया गया है. गुपकार घोषणा के लिए मिलकर काम करेगा.हमारी लड़ाई संवैधानिक है, हम भारत सरकार से इतना चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर के लोगों को सरकार वही अधिकार दोबारा दे जो उनके पास 5 अगस्त 2019 के पहले था.

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अपने बयान में हाल में ही फारुक अब्दुल्ला ने कहा था , मैं डरा हुआ नहीं हूं. हमें लंबा रास्ता तय करना है. एक लंबी राजनीतिक लड़ाई है जो जारी रहेगी चाहे फारुक अब्दुल्ला जीवित रहे या नहीं. हमारी लड़ाई आर्टिकल 370 को पुनर्बहाल करने को लेकर है, चाहे मैं फांसी पर चढ़ा दिया जाऊं, तब भी यह जंग जारी रहेगी.

क्या है गुपकार घोषणा

सीधे- सीधे इस समझें तो यह सिर्फ इतना है कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ के विरोध में यह घोषणा तैयार किया गया है. इसमें उन सभी नेताओं के हस्ताक्षर हैं जो इस मांग के साथ खड़े हैं. डॉ. फारूक अब्दुल्ला के निवास पर महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के मुजफ्फर शाह, कांग्रेस नेता जीए मीर व कश्मीर के अन्य छोटे बड़े राजनीतिकि दलों के नेताओं की बैठक हुई थी. इस बैठक में शामिल नेताओं ने इस घोषमा में हस्ताक्षर किया था. ध्यान रहे कि भारतीय जनता पार्टी इसमें शामिल नहीं थी.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

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