Parliament: टोगो के आर्थिक विकास के लिए भारत प्रतिबद्ध : ओम बिरला

Parliament: टोगो शिष्टमंडल ने अत्यधिक आभार और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्राइड द्वारा आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम की सराहना की. उन्होंने यह भी कहा कि टोगो अपने संविधान का निर्माण कर रहा है, इसलिए यह कार्यक्रम उनके लिए अमूल्य रहा है

By Anjani Kumar Singh | August 2, 2024 8:11 PM
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Parliament: भारत और टोगो के बीच हमेशा से सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध रहे हैं और भारत ने टोगो के सामाजिक-आर्थिक विकास में अपना पूरा सहयोग दिया है. टोगो के मंत्रियों, सांसदों, संवैधानिक न्यायालय के न्यायाधीशों और सलाहकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की. बिरला ने आश्वासन दिया कि भारत भविष्य में भी टोगो को अपना पूर्ण सहयोग देता रहेगा. 1947 में भारत द्वारा संसदीय लोकतंत्र को अपनाए जाने और भारत के संविधान का प्रारूप तैयार किए जाने की प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए, बिरला ने कहा कि यह एक लंबी प्रक्रिया थी क्योंकि हमारे संविधान निर्माताओं ने दुनिया के सभी प्रमुख संविधानों का बारीकी से अध्ययन किया और उनकी सर्वोत्तम विशेषताओं को भारतीय संविधान में शामिल किया. संविधान सभा में सभी प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गई और इस चर्चा के परिणामस्वरूप जो संविधान सामने आया, वह पिछले 75 वर्षों से भारत का मार्गदर्शन कर रहा है. 

लोक कल्याण का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है संसद

बिरला ने कहा कि समितियों के विचारों और इसकी रिपोर्ट को बहुत महत्व दिया जाता है और संसदीय लोकतंत्र के अध्ययन के लिए इसका शैक्षणिक महत्व भी है. वर्तमान में टोगो में प्रेसिडेंटिअल शासन व्यवस्था है जिसमें परिवर्तन कर अब वहां संसदीय लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था लागू की जा रही है जो एक सकारात्मक परिवर्तन होगा और इससे लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी. इसी सर्वोच्च मंच पर हम अपनी जनता की समस्याओं, उनकी चिंताओं पर चर्चा संवाद करते हैं और सबकी सहमति से उनका समाधान निकालते हैं. उन्होंने बताया कि भारत ने पिछले 75 वर्षों में संसदीय लोकतंत्र के आधार पर सामाजिक आर्थिक-परिवर्तन किए हैं. इसलिए हमारी संसदें लोक कल्याण का सर्वश्रेष्ठ माध्यम हैं. 

प्राइड के प्रशिक्षण कार्यक्रम में लिया भाग


टोगो के मंत्रियों, संसद सदस्यों तथा न्यायाधीशों के लिए लोक सभा सचिवालय के प्राइड में चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम की बारे में बताते हुए, बिरला ने हर्ष व्यक्त किया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिष्टमंडल ने भारत की संसद के दोनों सदनों के कार्यों और उनकी शक्तियों के बारे में जाना, संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं के बारे में जानकारी प्राप्त की, संसदीय समितियों के विषय में अध्ययन किया और भारत की न्याय व्यवस्था के विषय में भी उनको जानकारी दी गई जो उन के लिए अत्यंत लाभदायक रहेगा.

संसदीय लोकतंत्र प्रणाली को समझने में मिली मदद


पब्लिक सर्विस, लेबर और सोशल डायलॉग के मंत्री, माननीय गिल्बर्ट बावरा के नेतृत्व में भारत यात्रा पर आए टोगो शिष्टमंडल ने अत्यधिक आभार और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्राइड  द्वारा आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम की सराहना की. उन्होंने यह भी कहा कि टोगो अपने संविधान का निर्माण कर रहा है, इसलिए यह कार्यक्रम उनके लिए अमूल्य रहा है. सदन की कार्यवाही को प्रत्यक्ष रूप से देखने से उन्हें संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को समझने में मदद मिली. उन्होंने भारत द्वारा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दिए गए समर्थन और विशेष रूप से जी-20 में अफ्रीकी संघ के प्रवेश का समर्थन करने के लिए आभार व्यक्त किया.

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